नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को रक्षा मामलों की संसदीय स्थाई समिति की बैठक से वॉकआउट कर दिया। यह बैठक संसद भवन में चल रही थी। बैठक में सिर्फ डिफेंस से जुड़े मुद्दों पर बात होनी थी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी बॉर्डर के मुद्दे पर भी चर्चा चाहते थे। राहुल गांधी के वॉकआउट करने के बाद समिति में शामिल कांग्रेस के दूसरे सदस्य भी बैठक से चले गए।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में राहुल गांधी ने एलओसी की स्थिति, चीन के साथ हुए समझौते और राफेल जेट का मामला उठाया था। राहुल गांधी एलएसी की स्थिति के बारे में भी जानना चाहते थे। इस पर संसदीय समिति के चेयरमैन और बीजेपी नेता जुएल ओरांव भड़क गए। उन्होंने राहुल गांधी को टोका, जिससे नाराज होकर राहुल गांधी मीटिंग बीच में ही छोड़कर चले गए। राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस के दूसरे सांसद भी मीटिंग से बाहर आ गए।
इससे पहले दिन में राहुल गांधी ने चीन पर एक ट्वीट किया, जिसे लेकर वह फंस गए। राहुल गांधी ने एक न्यूजपेपर की खबर को आधार बनाकर मोदी सरकार पर हमला बोला था। राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार ने विदेश और रक्षा नीति को राजनैतिक हथकंडा बना दिया है। भारत इतना असुरक्षित कभी नहीं रहा। राहुल गांधी ने यह ट्वीट एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला देकर किया था।
रिपोर्ट में पूर्वी लद्दाख में पीएलए के घुसपैठ की खबर छपी थी। हालांकि, भारतीय सेना ने बयान जारी करके इस खबर को पूरी तरह खारिज कर दिया। इंडियन आर्मी ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि पूर्वी लद्दाख में कोई घुसपैठ नहीं हुई। सेना की तरफ से कहा गया कि 14 जुलवाई को छपी यह रिपोर्ट गलत है और झूठी खबर पर आधारित है।
सेना की तरफ से कहा गया है कि रिपोर्ट में भारत और चीन के बीच एग्रीमेंट खत्म होने की जो बात लिखी गई है, वो झूठी और निराधार है। सेना ने बयान में कहा है कि भारतीय या चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख के उन इलाकों पर कब्जा करने की कोई कोशिश नहीं की है, जहां से वह फरवरी में पीछे हटे थे। क्षेत्र में टकराव के बचे हुए मामलों को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष बातचीत कर रहे हैं।
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