नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भीमा-कोरेगांव मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा अपने हाथ में लेने को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि नफरत के एजेंडे का विरोध करने वालों को ''अर्बन नक्सल'' करार दिया जाता है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''जो भो मोदी-शाह के नफरत के एजेंडे का विरोध करता है, वह अर्बन नक्सल हो जाता है।'' गांधी ने कहा, ''भीमा-कोरेगांव प्रतिरोध का प्रतीक है जिसे सरकार की एनआईए के पिट्ठू कभी मिटा नहीं सकते।"
उधर, महाराष्ट्र सरकार ने भी आरोप लगाया कि उसकी सहमति के बिना एनआईए ने भीमा-कोरेगांव मामले की जांच अपने हाथों में ले ली है। गौरतलब कि एक जनवरी, 2018 को पुणे के भीमा-कोरेगांव में हिंसा हुई थी। दलित समुदाय के लोग 250 साल पहले महार (दलित) योद्धाओं और मराठाओं के बीच हुई लड़ाई में दलितों की जीत का जश्न मनाने के लिए वहां हर साल इकट्ठा होते हैं।
इस हिंसा के बाद पुलिस की जांच में आरोप लगाया था कि कई आरोपियों के संबंध नक्सलियों से हैं। हालांकि दलित कार्यकर्ताओं ने इस मामले में भेदभावपूर्ण ढंग से कार्रवाई का आरोप लगाया था।
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