राहुल गांधी से बात करने को मना कर रहा था ‘कोई’, इंटरव्यू में राजीव बजाज ने कही ये बात
उद्योगपति राजीव बजाज ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ चर्चा के दौरान बताया कि कुछ लोग उन्हें इस चर्चा में भाग नहीं लेने की सलाह दे रहे थे।
नई दिल्ली। उद्योगपति राजीव बजाज ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ चर्चा के दौरान बताया कि कुछ लोग उन्हें इस चर्चा में भाग नहीं लेने की सलाह दे रहे थे। राजीव बजाज ने राहुल के साथ चर्चा के दौरान कहा कि जब उन्होंने अपने किसी जानने वाले को यह बताया कि वे कल 12 बजे राहुल गांधी के साथ बात करेंगे तो जानने वाले की पहली प्रतिक्रिया थी, ‘मत करना, परेशानी में पड़ सकते हो।’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी वीडियो सीरीज में इससे पहले पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी के साथ बात कर चुके हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चर्चा के दौरान राजीव बजाज को कहा, ‘भारत में परंपरागत तौर पर एक टॉलरेंस रही है, जो भी कहना है कह दो, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह कम हुआ है, कल मेरे एक मित्र ने मुझसे पूछा कि आपका अगला इंटरव्यू किसके साथ है, तो मैंने कहा कि राजीव बजाज, तो मेरे मित्र ने कहा कि दम है बंदे में।’
राहुल गांधी के इस कथन पर राजीव बजाज ने कहा, “मैने किसी के साथ कहा कि कल 12 बजे मैं राहुल के साथ बात कर रहा हूं, तो उनका पहली प्रतिक्रिया थी मत करना, मैनें कहा क्यों नहीं, तो उन्होंने कहा मत करना इससे आप परेशानी में पड़ सकते हो। मैने कई बार कई बातें मीडिया में कही हैं, अब गलती है तो हो चुकी है, तो उन्होंने कहा कि मीडिया में कहना एक बात है और राहुल गांधी से बात करना दूसरी बात है।”
राजीव बजाज ने आगे कहा कि उन्होंने अपने जानने वाले को समझाया कि, “हम व्यापार, अर्थव्यवस्था, लॉकडाउन, आगे कैसे बढ़े, उत्पादन, टेक्नोलॉजी के बारे में बात करेंगे, वे (राहुल गांधी) मोटरसाइकिल पसंद करते हैं और इसलिए हम मोटरसाइकल वगैरह पर बात करेंगे। अब ये बातें भी नहीं हो सकती हैं क्या? तो उन व्यक्ति ने कहा कि खतरा क्यों उठाना है।” राजीव बजाज के इस कथन के बाद राहुल गांधी ने उनसे पूछा, “जिस माहौल के बारे में आप बात कर रहे हैं, क्या भारत के व्यापार को उससे नुकसान हुआ है?”
राहुल गांधी के सवाल के जवाब में राजीव बजाज ने कहा, “देखिए, बिना उत्साह और आत्मविश्वास के कोई भी निवेश नहीं करता, तो इसमें कोई संदेह नहीं है, सवाल ये उठता है कि अगर भारत में 100 लोग बोलने से डरते हैं तो 90 के पास छिपाने के लिए कुछ है भी। हमें ये भी स्वीकार करना चाहिए कि पिछले कुछ वर्षों खासकर यूपीए 2 और एनडीए 1 में बहुत सारे गड़े मुर्दे निकलकर सामने आए हैं।"
बजाज ने कहा, "कारोबारी भी दूध के धुले हुए नहीं हैं, इसके बहुत सारे उदाहरण हमने देखे भी हैं। इसलिए मेरी राय में इसलिए भी बहुत सारे लोग बोलने से डरते हैं। बहुत सारे लोग मेरे पिता (राहुल बजाज) की तरह बोलने का जोखिम नहीं उठा पाते। कुछ लोग इसलिए बोलने से डरते हैं कि वे आगे आने वाली प्रतिक्रिया से नहीं निपट सकते।”