नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार पर आधार को 'निगरानी प्रणाली' के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि यह भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की तरह 'अव्यवस्था' में बदल जाएगी। पीएचडी चैंबस ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 122वें सालाना सत्र में गांधी ने कहा कि जीएसटी में 'सुधार' की जरूरत है।
गांधी ने आधार को बैंक खातों से जोड़ने के एक सवाल पर कहा कि इसे कांग्रेस सरकार ने शुरू किया था, लेकिन इसे निगरानी तंत्र में बदल दिया गया है। गांधी ने कहा, "जो लोग आज सत्ता में हैं, इसे निगरानी तंत्र बना रहे हैं। आधार इसलिए नहीं लाया गया था। और मैं आपसे सहमत हूं (प्रश्नकर्ता से) कि इसके गंभीर दुष्परिणाम होंगे।"
उन्होंने कहा, "जिस तरह से जीएसटी को लेकर अव्यवस्था फैली है, वैसा ही आधार के साथ होगा।"जीएसटी पर राहुल ने कहा कि यह गलत तरीके से लागू किया गया है और सरकार लोगों की सुन नहीं रही है। गांधी ने कहा, "हमने जीएसटी लागू करने के लिए बहुत साहसिक लड़ाई लड़ी। इसके मूल में न्यूनतम स्लैब, कर तथा सरलता था। हम इसके लिए जो कर सकते थे, किया।"
उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता पी. चिदंबरम इस संबंध में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलने गए थे और उन्हें कहा था कि सरकार 'गलती' कर रही है। पहले इसे पॉयलट परियोजना के तौर पर लागू करना चाहिए। लेकिन हमारी पार्टी की चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया गया और उन्हें 'अपने काम से मतलब रखने' को कहा गया। गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी ने जीएसटी को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी, 'लेकिन व्यापक फलक पर हमें लगा कि देश जीएसटी चाहता है।' उन्होंने कहा कि जीएसटी की अधिकतम दर 18 फीसदी होनी चाहिए।
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