हैदराबाद: भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए कुछ दिनों के लॉकडाउन के बावजूद वैमानिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा नयी दिल्ली को सभी 36 राफेल विमान समय से पहले उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है।
इंडो-फ्रेंच चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईएफसीसीआई) द्वारा यहां आयोजित चौथे भारत-फ्रांस निवेश सम्मेलन से इतर लेनैन ने कहा कि यूरोपीय देश से संबंधित कंपनियों ने भारत में 10 अरब यूरो से अधिक का निवेश किया है जिससे 2.50 लाख भारतीयों को रोजगार मिल रहा है।
राजदूत ने कहा, "यह (विमान प्रदायगी) समय से पहले होगी। हमें इस पर बहुत गर्व है। कोविड के बावजूद इसमें जरा भी व्यवधान नहीं आया है।" भारत ने लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। पांच राफेल जेट विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई को भारत पहुंची थी।
अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम को "चिंताजनक" बताते हुए उन्होंने कहा कि फ्रांस सहित कुछ देशों ने तालिबान शासन से आतंकवादियों को आश्रय न देने के अलावा संकटग्रस्त देश में मानवीय सहायता के मुक्त प्रवाह की अनुमति देने को कहा है। उन्होंने कहा, "आज तक उन्होंने कोई भी प्रतिबद्धता पूरी नहीं की है और यह बेहद चिंताजनक है। जब तक वे इनमें से कुछ प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर लेते, तब तक वे हमसे किसी तरह की मान्यता नहीं मांग सकते।"
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