गहलोत सरकार में अधिकारियों को दिए गए सम्मान पर उठे सवाल, जानें क्या है पूरा मामला
गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में गहलोत सरकार में इस बार भी अधिकारियों का सम्मान दिया गया उसमें से कुछ अधिकारियो को दिए गए सम्मान पर सवाल खड़े हो गए हैं।
जयपुर: गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में राजस्थान सरकार हर बार अलग अलग वर्ग में किए गए उत्कृष्ट अधिकारियों व कर्मियों का सम्मान करती है। इस बार भी कई अधिकारियों व सरकारी कर्मियों का सम्मान किया गया लेकिन गहलोत सरकार में इस बार भी अधिकारियों का सम्मान दिया गया उसमें से कुछ अधिकारियो को दिए गए सम्मान पर सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल राजस्थान के जीएडी विभाग की तरफ से तमाम अधिकारियो व अन्य को सम्मान देने के लिए नाम तय किए गए और गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में उनको सम्मान दिए भी गए लेकिन गहलोत सरकार के 1 साल के कार्यकाल में जिन अधिकारियों को सम्मान मिला है उनमें से कुछ अधिकारियों को मिलने वाले सम्मान पर सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे है क्योंकि वक्त और परिस्थित के हिसाब से उन कार्यों में उन अधिकारियों की भूमिका उस लिहाज से 100 फीसदी सही साबित नही हो पाई है।
गहलोत सरकार में कुछ अधिकारियों को योग्यता प्रमाण पत्र मिला है उनमें से एक नाम हैं जैसलमेर कलेक्टर नमित मेहता। नमित मेहता 2012 बैच के आईएस है। मेहता को पिछले एक साल में आकांक्षी जिला कार्यक्रम, आपदा सहायता कार्य, ग्रामीण विकास एवं पंचायती योजनाएं व टिड्डी नियंत्रण व सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में बेहतरीन कार्य के लिए सम्मानित किया है लेकिन प्रदेश में टिड्डी हमले से पश्चिमी व सरहदी राजस्थान में किसानों की कमर किस हद तक टूटी है और सरकार ने इस टिड्डी हमले में किसानों को कितनी राहत दी ये सभी को पता है, टिड्डी नियंत्रण दल ने खुद माना है कि वक्त रहते अगर चेत जाते तो शायद इस तरह के नुकसान से बच जाते लेकिन सरकार ने कलेक्टर साहब योग्यता प्रमाण पत्र दे दिया।
इस सम्मान के लिये इंडिया टीवी रिपोर्टर ने नमित मेहता से फोन पर बात की और सवाल पूछा तो उन्होंने ये कहकर फोन पर काट दिया कि मैं कहीं बाहर आया हूं इस विषय पर बात नहीं कर सकता।
डॉक्टर उम्मेद सिंह- गहलोत सरकार मे संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग जयपुर में कार्यरत है इनको भी योग्यता प्रमाण पत्र देकर सरकार ने सम्मानित किया है, लेकिन हाल में ही सांभर लेक में हजारों पक्षियो की मौत मामले ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सरकार की किरकिरी किस हद तक की और इस मामले में लापरवाही कितनी ज्यादा बरती गई ये सभी को पता है फिर भी शायद गहलोत सरकार को इस विभाग मे उत्कृष्ट कार्य नजर आया है।
पंचायती राज विभाग के अफसर रुघाराम सैन- नायब तहसील दार कार्यवाहक तहसीलदार निर्वाचन को पंचायत पुनर्गठन में सराहनीय काम के लिए सम्मानित जबकि पंचायत पुनर्गठन मामला किस तरह से कोर्ट में अटक गया और सत्ता और संगठन में खींचतान तक मच गई ये बात किसी से छिपी नहीं है।
इन तमाम मुद्दों को लेकर सरकार की तरफ से दिए गए सम्मान पर सवाल खडे हो रहे है। बीजेपी ने भी इस मुद्दे पर दो टूक कह दिया। भाजपा प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज का कहना है कि नेता सरकार में अपने चहेतों को सम्मान दिलाने के लिए तैयार बैठे रहते हैं जबकि जमीनी हकीकत में ये अधिकारी काम से कोसो दूर है।