श्रीनगर: नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करना संविधान से छेड़छाड़ के समान होगा। अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर मुद्दे का अंतिम समाधान होने तक अनुच्छेद 370 जरूरी है और तब तक इसे संविधान से अलग नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा क्षेत्र में पार्टी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘(जम्मू कश्मीर का भारत में विलय के समय की) विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अनुच्छेद 370 को भारत के संविधान में डाला गया था। यह अनुच्छेद जम्मू कश्मीर मुद्दे के अंतिम समाधान होने तक ऐसे ही बना रहेगा।’’ जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘जब तक इस मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता धरती पर कोई भी ताकत अनुच्छेद 370 को छू नहीं सकती...।’’
उन्होंने अनुच्छेद 35ए का उल्लेख करते हुए कहा कि विशेष प्रावधान अनुच्छेद 370 का परिणाम है और इससे छेड़छाड़ से 1954 के राष्ट्रपति आदेश में सभी संशोधन पलट जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि अनुच्छेद 35ए को निरस्त किया गया तो राष्ट्रपति के सभी उत्तरोत्तर आदेश स्वत: ही रद्द हो जाएंगे। तत्कालीन महाराजा ने 1927 में राज्य के लोगों को राज्य विषयक अधिकार दिये थे।’’ अब्दुल्ला ने कहा कि नयी दिल्ली में ताकतें नेशनल कान्फ्रेंस से घबराती हैं और पार्टी के सत्ता में वापसी के ख्याल से ही उनमें बेचैनी हो जाती है।
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