पंजाब की पराली और दिल्ली की धूल बन रही फीफा वर्ल्ड कप के लिए समस्या
पंजाब में फसल की पराली जलाने और दिल्ली में विकास परियोजनाओं के निर्माण कार्य से निकल रही धूल से दिल्ली की तेजी से दूषित हुई आबोहवा ने फीफा के जूनियर फुटबॉल वर्ल्ड कप आयोजन की भी परेशानियां बढ़ा दी हैं
नई दिल्ली: पंजाब में फसल की पराली जलाने और दिल्ली में विकास परियोजनाओं के निर्माण कार्य से निकल रही धूल से दिल्ली की तेजी से दूषित हुई आबोहवा ने फीफा के जूनियर फुटबॉल वर्ल्ड कप आयोजन की भी परेशानियां बढ़ा दी हैं। फीफा का भारत में यह पहला आयोजन है।
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने त्यौहारी मौसम में इस संकट के गहराने की आशंका के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर से संबद्ध सभी राज्य सरकारों को तत्काल प्रभावी कदम उठाने को कहा है। फीफा जूनियर विश्व कप में दुनिया भर से जुटे खिलाड़ियों, कोच और दर्शकों के लिए दिल्ली की दमघोंटू हवा से उपजी समस्या पर हरकत में आई सरकार ने माना है कि पंजाब में पराली जलाने और दिल्ली में राख एवं धूल पर नियंत्रण नहीं हो पाने के कारण संकट गहराता जा रहा है।
इस बाबत वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब सरकारों को इस समस्या के समाधान के लिए निर्धारित मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने को कहा है। सोमवार को डा. हर्षवर्धन ने पांचों राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों और अधिकारियों की आपात बैठक बुलाकर पंजाब और दिल्ली सरकार को सघन औचक निरीक्षण अभियान चलाने और इसकी नियमित रिपोर्ट मंत्रालय को भेजने को कहा है।
बैठक में मौजूद दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाने पर प्रभावी रोक नहीं लग पाने पर बैठक में चिंता जतायी गयी। साथ ही दिल्ली में निर्माणकार्यों से निकलने वाली धूल को रोकने के लिए किए गए उपायों को नाकाफी बताते हुए बड़ी परियोजनाओं पर अस्थायी रोक लगाने सहित अन्य विकल्पों पर विचार कर शुक्रवार को आहूत समीक्षा बैठक में रिपोर्ट देने को कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के गहराते संकट का खुलासा सीपीसीबी के अध्यक्ष एस पी एस परिहार द्वारा गत चार अक्टूबर को डीपीसीसी के अध्यक्ष केशव चन्द्रा को लिखे पत्र से हुआ। परिहार ने छह अक्टूबर से फीफा कप के आयोजन का हवाला देते हुये गत 19 सितंबर को जारी दिशानिर्देशों का पालन नहीं होने पर की बात कही। उन्होंने कहा कि सीपीसीबी ने डीपीसीसी को दिशानिर्देशों के पालन की साप्ताहिक रिपोर्ट देने को कहा था लेकिन उन्हें अब तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली।
इतना ही नहीं परिहार ने फीफा कप के आयोजन को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण उपायों की गंभीरता का जिक्र करते हुए दिशानिर्देशों का पालन नहीं होने पर हैरानी जतायी। उन्होंने फीफा कप के दिल्ली में छह, नौ, 12 और 16 अक्टूबर को होने वाले मैचों से एक दिन पहले आयोजन स्थल के आसपास दूषित हवा के असर से बचने के लिये चंद्रा को विशेष इंतजाम करने को कहा है। इसमें मैच से एक दिन पहले स्टेडियम के 500 मीटर के दायरे में धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव करने, कचरा जलाने पर रोक सुनिश्चित करने और निर्माणकार्य स्थलों को विशेष हरे रंग के कपड़े से ढंकने का पालन तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित करने को कहा गया है।