चंडीगढ़। जीएसटी लागू हुए करीब ढाई साल बीतने को आया है, लेकिन इसे लेकर विवाद फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने शनिवार को यहां कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य को जीएसटी के तहत राजस्व क्षतिपूर्ति का बकाया जारी नहीं करती है तो वे उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। बादल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मांग करेंगे कि या तो राजस्व क्षतिपूर्ति के हमारे बकाये का भुगतान करें या इस मामले में कोई विवाद निपटान व्यवस्था बनायी जाये। ऐसा नहीं किये जाने पर राज्यों के पास केंद्र के साथ किसी भी तरह के विवाद की स्थिति में उच्चतम न्यायालय जाने का विकल्प ही बचता है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जीएसटी के कारण राज्यों को राजस्व में हानि की क्षतिपूर्ति का भुगतान करने से इनकार नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भिखारी नहीं हैं।’’ बादल ने कहा कि पहले हर महीने क्षतिपूर्ति का भुगतान कर दिया जाता था, लेकिन अब यह व्यवस्था बंद हो गयी। बीच में हर दूसरे महीने भुगतान मिल रहा था, लेकिन अब तीन महीने गुजर चुके हैं। हमें केंद्र सरकार से 4,100 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति अभी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि यह रकम छोटी नहीं है।
राज्य सरकार का एक महीने का वेतन बिल दो हजार करोड़ रुपये है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, राजस्थान और पंजाब के वित्त मंत्री एक संयुक्त बयान जारी कर जीएसटी क्षतिपूर्ति के भुगतान में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं।
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