चंडीगढ़। करतारपुर कॉरिडोर मंगलवार से भारतीय श्रद्धालुओं के लिए खुल चुका है और आज पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी कैबिनेट के मंत्रियों के साथ मिलकर कॉरिडोर के जरिए करतारपुर पहुंचे जहां उन्होंने गुरुद्वारे में मत्था टेका लेकिन पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को आज करतारपुर में दर्शन की अनुमति नहीं मिली है। सिद्धू 20 नवंबर को करतारपुर में जाकर मत्था टेक सकते हैं। बुधवार को 28 भारतीय श्रद्धालू करतारपुर गए थे और वहां पर जाकर गुरुद्वारे में मत्था टेका था।
करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत में गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से जोड़ता है। गुरुद्वारा दरबार साहिब वह स्थल है जहां सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने प्राण त्यागे थे। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल मार्च में करतारपुर साहिब की तीर्थयात्रा को निलंबित कर दिया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने बुधवार से करतारपुर गलियारे को पुनः खोलने का निर्णय लिया है। गुरु नानक की जयंती ‘गुरु पर्व’ इस साल 19 नवंबर को मनाई जाएगी।
सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने करतारपुर में ही देह का त्याग किया था। उसी जगह पर गुरुद्वारा बनाया गया है और 1947 में भारत तथा पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे में वह भाग पाकिस्तान में चला गया था। 2019 में भारत से करतारपुर गुरुद्वारे तक एक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है जिसके जरिए भारत से श्रद्धालु करतारपुर में जाकर गुरुद्वारे में मत्था टेकते हैं।
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