चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का विरोध किया है। चरणजीत सिंह चन्नी बुधवार को पंजाब विधानसभा में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने के खिलाफ बुलाए गए विशेष सत्र में बोल रहे थे और उसी दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर में 370 खत्म किए जाने तथा राज्य का दर्जा समाप्त कर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने का विरोध किया।
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए चन्नी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से 370 को हटाकर केंद्र ने राज्यों के अधिकारों का हनन किया है। उन्होंने पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (BJP) तथा राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ (RSS) को मजबूत किए जाने के लिए अकाली दल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से जब केंद्र ने अनुच्छेद 370 को हटाया तो उस समय अकाली दल केंद्र सरकार का हिस्सा था लेकिन उन्होंने विरोध नहीं किया और चुप रहे।
विधानसभा में विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा, "भाजपा और आरएसएस पंजाब में दाखिल ही नहीं हो सकते थे अगर ये लोग (अकाली दल) उनका साथ नहीं देते, ये लेकर आए भाजपा और आरएसएस को, इन्होंने दाखिल करवाया पंजाब में। जब जम्मू कश्मीर की धारा तोड़कर और स्टेट को खत्म करके अन्याय हुआ, उस समय अकाली दल और सुखबीर बादल कहां थे।"
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा लिया था और जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करके दोनों को अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था। उस समय कई कांग्रेस नेताओं ने केंद्र के फैसले का स्वागत भी किया था लेकिन कुछ ने विरोध भी किया था।
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