मैसूरु: कर्नाटक में बाढ़ की चपेट में अब तक 48 लोगों की मौत हो गई है लेकिन कुछ सिरफिरे ऐसे भी हैं जो यह जानते हुए भी कि वह मौत को दावत दे रहे हैं, कुछ ऐसा करने की कोशिश करते हैं जिससे उनकी जान पर बन आती है। मैसूरु के पास नंजनगोड मंदिर के पुजारी वेंकटेश ऐसे ही शख्स हैं। अपने अनुयायियों के बीच प्रसिद्ध होने के लिए 70 साल के वेंकटेश ने शनिवार को कपिला नदी में 25 फीट ऊंचाई से यह कहकर छलांग लगाई कि वह कुछ ही देर में नदी को पार कर दोबारा लौट आएंगे।
लेकिन, वेंकटेश के नदी में छलांग लगाने के बाद ऐसा कुछ घट गया, जिसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी। वेंकटेश लापता हो गए और अगले 2 दिनों के बाद तक भी उनका कोई पता नहीं चला। दरअसल, वेंकटेश ने जब छलांग लगाई तब कपिला नदी का पानी बाढ़ के चलते उफान पर था, जिसकी वजह से पानी की तेज धारा वेंकटेश को अपने साथ बहाकर ले गई। काफी समय बीत जाने के बाद भी जब वह वापस नहीं लौटे तो उनके परिवार वाले और अनुयाई परेशान हो गए।
Pujari jumped in flooded river in karnataka
फिर सोमवार सुबह एक चमत्कार हुआ और वेंकटेश नदी के किनार पर नजर आए। जब वेंकटेश ने अपने लोगों के बीच आपबीती सुनाई तो लोग यह सुनकर दंग रह गए कि वेंकटेश की जान आखिर बच कैसे गई। वेंकटेश ने कहा कि “पानी के प्रवाह ने मुझे कहीं ले जाकर छोड़ दिया। सांस लेने का समय मिला तो मैंने सोचा कि यहीं रुक जाता हूं। कुछ देर रुकने के बाद मैंने फैसला किया कि वापस लौटूंगा लेकिन जैसे ही पानी में कूदा एहसास हुआ कि प्रवाह और भी तेज हो गया है।
Pujari jumped in flooded river in karnataka
पुजारी वेंकटेश ने आगे कहा कि “डेढ़ मिनिट तक सांस रोक पाने के बाद हिम्मत जवाब दे गई, पानी मुंह में घुसने लगा, मैं टेंशन में आ गया। लेकिन, तब तक वापस उसी जगह पहुँच गया। वहां एक रेलवे ब्रिज का पोल था उसी पोल को पकड़कर डेढ़ दिन तक रहा। पानी में तैरते हुए आए कच्चे नारियल का पानी पिया और उसकी मलाई खाकर भूख मिटाई, जिससे मुझे ऊर्जा मिली और जैसे ही सोमवार को जब पानी कम हो गया तो मैं तैरकर बाहर आ गया।
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