नई दिल्ली: देश में गरीबों तक कानूनी सुविधाओं की पहुंच नहीं होने पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कानूनी बिरादरी से ऐसे लोगों को निशुल्क कानूनी सुविधाएं मुहैया कराने का आग्रह किया। कोविंद ने राष्ट्रीय कानून दिवस पर दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा कि गरीब न्यायिक प्रक्रिया में देरी और महंगा होने के चलते अक्सर इससे दूर रहते हैं। इस समस्या का समाधान करने की जरूरत है।
कोविंद ने आम आदमी तक न्याय की पहुंच के बारे में कहा, "भारत की छवि एक महंगी कानून व्यवस्था के रूप में बन गई है, ऐसा न्यायिक प्रक्रिया में देरी की वजह से है, लेकिन शुल्क वहन का भी सवाल है।"
उन्होंने कहा कि गरीब शख्स वित्तीय बाधाओं या इसी तरह की अन्य बाधाओं के चलते न्यायालय के दरवाजे तक नहीं पहुंच सकता। यह हमारी अंतरात्मा पर बोझ है।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि हमें संचार के दौर में न्याय प्रणाली को गति देने के लिए इसे इस्तेमाल में लाना चाहिए।
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