करनाल (हरियाणा): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृह क्षेत्र करनाल में रविवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े और पानी की बौछारें करनी पड़ी। दरअसल कार्यक्रम को किसान महापंचायत ने आयोजित किया था, जिसका उद्देश्य तीन कृषि कानूनों के फायदे बताना था, लेकिन इसके विरोध में किसान वहां पहुंच गए और कार्यक्रम में व्यवधान डालने की कोशिश की।
करनाल जिले के कैमला गांव में भारी सुरक्षा तैनात की गई है, जहां खट्टर 'किसान महापंचायत' को संबोधित करने वाले हैं। पुलिस ने किसानों को बलपूर्वक खदेड़ा, इसके बावजूद उन्हें बैरिकेडिंग पार करते देखा गया। चार पुलिस अधीक्षक (एसपी) और दर्जन भर से अधिक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को मिलाकर एक मजबूत टीम बनाई गई है, जो किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए विभिन्न प्रवेश बिंदुओं पर तैनात किए गए हैं।
भारतीय किसान यूनियन (चारुनी) से जुड़े किसानों ने मुख्यमंत्री खट्टर पर इस तरह की बैठकें करके किसानों को बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, "'महापंचायत' आयोजित करने की क्या जरूरत थी, जब हजारों किसान पिछले 45 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं और कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।"
करनाल के उपायुक्त निशांत यादव ने कहा कि अगर प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भाजपा और उसके सहयोगी दल जेजेपी के कई नेता पिछले कई हफ्तों से विरोध प्रदर्शन का सामना कर रहे हैं। हाल ही में अंबाला में किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण खट्टर का काफिला भी बाधित हुआ था।
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