शिलांग: मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे राज्य के 15,000 लोगों को लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में फंसे लोगों को सबसे पहले लाया जाएगा। संगमा ने कहा कि राज्य ने सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर ली है और लौटने वाले सभी लोगों के लिए पृथक-वास अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने फेसबुक लाइव करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर में फंसे लोगों को पहले लाने का निर्णय लिया गया है। दूसरे चरण में सरकार यह देखेगी कि देश के अन्य हिस्सों में फंसे लोगों को कैसे लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेघालय के करीब 15,000 लोग फंसे हुए हैं। इनमें से 3,000 असम समेत अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में फंसे 2,000 लोग स्वास्थ्य अधिकारियों के पास पंजीकरण करा चुके है। वहीं जिन लोगों के पास मोबाइल फोन नहीं है और ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कर सकते हैं, वे राज्य की सीमाओं पर स्थापित किए गए चार प्रवेश बिंदुओं पर औपचारिकताएं पूरी कर सकते हैं।
मेघालय में संक्रमण के 12 नए मामले आए हैं और उनमें से एक की मौत हो गई और 10 स्वस्थ हो गए हैं। संगमा ने कहा कि कोविड-19 के मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 एम्बुलेंस खरीदने के लिए 4.5 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। इसके बाद 3.45 करोड़ रुपये की राशि बची हुई है, जिसका जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल किया जाएगा।
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