लखनऊ: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में घर का मांगलिक दोष और कुंडली के दोष दूर करने के लिए ज्योतिष विभाग की ओर से ओपीडी लगाई जा रही है। यहां ज्यादातर लोग अपनी पीड़ा, घर में मांगलिक दोष और विशेषतौर पर कुंडली का दोष दूर कराने के लिए लोग आसपास के कई जिलों से पहुंच रहे हैं। बीएचयू परिसर में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय की ओपीडी में दुख से पीड़ित मन का उपचार किया जा रहा। प्रतिदिन चलने वाली ज्योतिष ओपीडी में हर माह 50 के करीब लोग समस्याएं लेकर आते हैं। इनमें मांगलिक दोष के कारण शादी में रुकावट, कुंडली व आध्यात्मिक सहित जीवन से जुड़ी विभिन्न समस्याएं शामिल होती हैं।
इस संकाय के ज्योतिष एवं कर्मकांड परामर्श केंद्र की ओपीडी में मांगलिक दोष संग सभी तरह की कुंडली के दोष, रत्न, ग्रहण के मामले में भी विशेषज्ञ परामर्श देते हैं। ज्योतिष विभाग के एक चिकित्सक ने बताया, "परामर्श पाने के लिए 100 रुपये की ओपीडी पर्ची कटानी होती है। ओपीडी में ज्यादातर करियर, शादी, आजीविका व माता-पिता के स्वास्थ्य से जुड़े मामले आ रहे हैं। शीतावकाश (विंटर वेकेशन) के चलते इस समय ओपीडी बंद है, दो जनवरी से खुल जाएगी।"
उन्होंने बताया कि मांगलिक दोष एवं कुंडली के दोष के फेर में अक्सर लोग ज्योतिषाचार्यो का चक्कर लगाने में हजारों रुपये खर्च कर देते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए बीएचयू में ज्योतिष ओपीडी चलाई जा रही है। वैसे, ज्योतिष ओपीडी में लोगों को सिर्फ परामर्श दिया जाता है।
बकौल चिकित्सक, "लोगों को व्यक्तिगत रूप से पूजन आदि की विधि बताई जाती है। एक कुंडली पर एक पर्ची काम करती है। अगर अगली बार भी बुलाते हैं तो उसी पर्ची पर परामर्श दिया जाता है। कंप्यूटर से बच्चों की कुंडली भी तैयार की जाती है। हालांकि, यहां रत्न परीक्षण नहीं होता।"
ज्योतिष की ओपीडी में प्रमुख तौर पर प्रो़ गिरिजा शंकर शास्त्री, प्रो. चंद्रमौली उपाध्याय, प्रो़ रामजीवन मिश्र जैसे नामी ज्योतिषाचार्य अपनी सेवाएं दे रहे हैं। परिसर में स्थित संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रो. चंद्रमा पांडेय कहते हैं, "यहां पर अवकाश एवं बंदी को छोड़कर रोज शाम को ज्योतिष व कर्मकांड ओपीडी चलाई जा रही है। लंबे अवकाश के बाद फिर से इसका संचालन दो जनवरी से शुरू होगा।"
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