कर्नाटक की चर्चित आईपीएस अधिकारी डी रूपा एक बार फिर सुर्खियों में है। कोरोना काल में निजी अस्पताल मरीजों से मनमानी रकम वसूल रहे हैं ऐसे ही एक निजी अस्पताल पर लगाम कसते हुए आईजी, डी रूपा ने तकरीबन 24 मरीजों से वसूली गुई रकम को हॉस्पिटल से रिफंड करवा दिया। दरअसल कर्नाटक सरकार ने कोविड मरीजों को निजी अस्पतालों एडमिट करने को लेकर नियम बनाया है, इस नियम के तहत निजी अस्पतालों को कम से कम 50 फीसदी बेड्स कोविड मरीजों के लिए रखना होगा, ये फैसला ठीक से लागू हो इसके लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है।
ये टीमें एक आईएएस और एक आईपीएस अधिकारी के तहत काम कर रही हैं। ऐसी ही एक टीम को लीड कर रही हैं आईपीएस डी रूपा। जब उनकी टीम ने एक निजी अस्पताल का दौरा किया तो पता चला कि वहां पर खुद आकर भर्ती हुए मरीजों से इस अस्पताल ने एक लाख रुपए एडवांस लिए हैं।
रूपा का कहना है कि अगर ये 24 मरीज अस्पताल में 3 से 4 दिन रह जाते तो उन्हें तकरीबन 4 से 5 लाख रुपए देने पड़ते, जब इस बात की जानकारी रूपा को मिली तो उन्होंने और उनकी टीम ने हर एक मरीज को अलग-अलग फोन किया और उनसे जानकारी ली।
सरकारी आदेश के मुताबिक अगर कोई भी मरीज सरकार के कहने पर निजी अस्पताल में भर्ती होता है तो उसके इलाज का खर्चा सरकार उठाती है। अगर कोई मरीज खुद ही निजी अस्पताल में जाकर भर्ती होता है तो उसके लिए भी दरें तय की गई है लेकिन जांच की गई तो पता चला कि अस्पताल ने तय दर से 10 गुना से भी ज्यादा राशि वसूल की है।
टीम ने तत्काल इस पर एक्शन लिया और अस्पताल को मजबूर किया कि अतिरिक्त लिए गए इन रुपयों को वापस मरीजों को लौटाए, आईजी रूपा और उनकी टीम के एक्शन के बाद फिलहाल इस अस्पताल ने इन सभी मरीजों को रिफंड दे दिया है, इस एक्शन से ये मरीज भी काफी खुश नजर आ रहे हैं।
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