बालासोर: भारत ने परमाणु क्षमता संपन्न स्वदेश निर्मित पृथ्वी दो मिसाइल का फिर से रात में सफल परीक्षण किया। ओडिशा के तट से यह परीक्षण सशस्त्र बलों के लिए उपयोगकर्ता परीक्षण के तहत किया गया है। सतह से सतह तक मार करने में सक्षम इस मिसाइल के परीक्षण के करीब एक पखवाड़े पहले 20 नवंबर को पृथ्वी-2 का रात में एक के बाद एक इसी टेस्ट रेंज से सफल परीक्षण किया गया था।
सूत्रों ने कहा,‘‘पृथ्वी-2 का आज का परीक्षण सफल रहा और परीक्षण सभी मानकों पर खरा उतरा। यह नियमित परीक्षण था।’’ पृथ्वी-2 की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है। इसका परीक्षण चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से शाम 7.50 बजे किया गया। सूत्रों ने बताया कि 500-1,000 किलोग्राम मुखास्त्र ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 दो मिसाइल तरल प्रणोदन दो इंजनों से संचालित है।
मिसाइल को उत्पादन स्टॉक से एकाएक चुना गया और सशस्त्र बलों के स्ट्रैटजिक फोर्स कमान (एसएफसी) ने संपूर्ण प्रक्षेपण गतिविधि को अंजाम दिया। यह परीक्षण डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की निगरानी में किया गया। आपको बता दें कि इससे पहले 30 नवंबर की रात को परमाणु क्षमता से लैस सतह से सतह तक मार करने वाली बलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का भी सफल परीक्षण किया गया था।
बालासोर तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज से शनिवार (30 नवंबर) रात 7 बजकर 20 मिनट पर मिसाइल अग्नि-3 का परीक्षण किया गया था। अग्नि-3 वैसे तो पहले से ही सेना का हिस्सा है, लेकिन पहली बार आधी रात को इसका सफल परीक्षण हुआ था। यह परीक्षण इंडियन आर्मी की स्ट्रैटजिक कमांड फोर्स ने किया थे और DRDO ने इसे लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया था।
(इनपुट- भाषा)
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