नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को निवेशकों की गोलमेज बैठक की अध्यक्षता करेंगे। वीडियो कांफ्रेन्स के जरिए होने वाली इस बैठक में दुनिया के प्रमुख निवेशकों तथा भारत के जाने-माने उद्योगपतियों और व्यवसाय प्रमुखों को वरिष्ठ नीति निर्माताओं से जुड़ने एवं देश में वैश्विक निवेश में आगे और तेजी लाने के उपायों पर चर्चा का अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान के अनुसार, "ऑनलाइन वैश्विक निवेशक गोलमेज बैठक का आयोजन वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष (एनआईआईएफ) कर रहा है।"
बयान में कहा गया है कि बैठक में अग्रणी वैश्विक संस्थागत निवेशकों, देश के कारोबारी दिग्गजों तथा सरकार के नीति निर्माताओं और वित्तीय बाजार नियामकों के बीच बातचीत होगी।
बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत अन्य मौजूद रहेंगे। बयान के अनुसार गोलमेज बैठक में दुनिया के 20 सबसे बड़े पेंशन और सरकारी संपित्त कोष शामिल होंगे। इनके पास प्रबंधन अधीन परिसपंत्ति करीब 6,000 अरब डॉलर है। ये वैश्विक संस्थागत निवेशक अमेरिका, यूरोप, कनाडा, कोरिया, जापान, पश्चिम एशिया, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर समेत प्रमुख क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। बैठक में इन कोषों में निर्णय लेने वाले शीर्ष अधिकारी यानी सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) और सीआईओ शामिल होंगे।
बयान में कहा गया है कि इन निवेशकों में कुछ ऐसे हैं जो पहली बार भारत सरकार के साथ जुड़ेंगे। वैश्विक निवेशकों के अलावा गोलमेज बैठक में देश जाने-माने उद्योगपति और कारोबारी प्रमुख भी शामिल होंगे। बैठक में भारत के आर्थिक और निवेश परिदृश्य, संरचनात्मक सुधारों तथ सरकार का 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के रास्ते के दृष्टिकोण पर चर्चा होगी। यह बैठक प्रमुख वैश्विक निवेशकों और भारत के कारोबारी प्रमुखों को देश के वरिष्ठ नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने और भारत में आगे अंतरराष्ट्रीय निवेश में तेजी लाने के उपायों के बारे में बातचीत का अवसर देगी। (भाषा)
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