किसानों के मुद्दे पर राज्यसभा में पीएम मोदी सोमवार को दे सकते हैं जवाब
राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में सोमवार (8 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहस का जवाब दे सकते हैं।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में सोमवार (8 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहस का जवाब दे सकते हैं। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के हर सवाल का जवाब देंगे। पीएम मोदी का संबोधन सुबह साढ़े 10 बजे उच्च सदन (राज्यसभा) में होने की संभावना है। भाजपा ने सोमवार से सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने का व्हिप जारी कर दिया है।
पीएम मोदी जब सदन को संबोधित करेंगे तो सभी की निगाहें उनके संबोधन पर टिकी होंगी। बताया जा रहा है कि नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए सभी चिंताओं और सवालों का पीएम मोदी सदन में जवाब दे सकते हैं।
प्रजातंत्र में सभी एक मत हों जरूरी नहीं- कांग्रेस
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा तीसरे दिन भी काफी तीखी रही। विपक्ष ने शुक्रवार को भी चर्चा को कृषि कानूनों और किसानों के मुद्दे तक ही केंद्रित रखा और सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई। कांग्रेस ने कहा कि राज्यसभा में जब इन कानूनों को लाया गया था, तभी सरकार को चेताया गया था कि यह किसानों के लिए डेथ वारंट है, लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही। संभवत: सोमवार (8 फरवरी) को प्रधानमंत्री इसका जवाब देंगे। चर्चा में विपक्ष की ओर से हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रजातंत्र में सभी एक मत हो यह जरूरी नहीं है, लेकिन जिस कानून को वापस लेने के लिए देशभर के किसान आंदोलन कर रहे हैं, उसकी राष्ट्रपति के अभिभाषण में तारीफ की गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
विपक्ष ने सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की
राज्यसभा में शुक्रवार को विपक्ष ने एक बार फिर नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार को घेरा और इन कानूनों को वापस लेने की मांग की। इसके साथ ही विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने 26 जनवरी को लाल किले में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किए जाने की घटना की जांच कराए जाने पर भी बल दिया।
किसान आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा- शिवसेना
शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है और किसानों के लिए खालिस्तानी, आतंकवादी जैसे शब्दों का उपयोग किया जा रहा है। राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में आगे हो रही चर्चा में भाग लेते हुए राउत ने आरोप लगाया कि सरकार अपने आलोचकों को बदनाम करने का प्रयास करती है और किसान आंदोलन के साथ भी ऐसा ही किया जा रहा है।
'सरकार सवाल पूछने वाले को देशद्रोही बताने लगती है'
शिवसेना सदस्य ने आरोप लगाया कि सरकार सवाल पूछने वाले को देशद्रोही बताने लगती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा सदस्य शशि थरूर सहित कई लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। राउत ने 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुयी घटना और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का जिक्र करते कहा ‘‘ वह दुखद घटना है। लेकिन इस मामले में असली आरोपियों को नहीं पकड़ा गया है और निर्दोष किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया है।’’
किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए सरकार मानवाधिकार का हनन कर रही- बसपा
बसपा के सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए खाई खोद रही है और पानी, खाना, शौचालय जैसी सुविधाएं बंद कर रही है जो मानवाधिकार हनन है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों पर नए कृषि कानून नहीं थोप सकती। मिश्र ने कहा कि सरकार नए कानूनों को डेढ़ साल के लिए स्थगित करने की बात कर रही है। ऐसे में उसे अपनी जिद छोड़कर इन कानूनों को वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए कानूनों में कई खामियां हैं जिनसे किसानों को भय है कि उनकी जमीन चली जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ठेकेदारी के नाम पर जमींदारी व्यवस्था को वापस लाना चाहती है।