नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां सोमवार को देश के विभिन्न भागों से चुने गए 25 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्रदान किए। इन बालकों का चयन भारतीय बाल कल्याण परिषद (ICCW) ने देश भर से इस सम्मान के लिए किया था। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार योजना की शुरुआत ICCW ने 1957 में की थी, जिससे उन बच्चों को पहचान दी जा सके जिन्होंने अपने असाधारण वीरता भरे कार्यों और सराहनीय सेवा से खुद को अलग साबित किया है।
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प्रधानमंत्री ने सम्मान समारोह के दौरान कहा, "इन बच्चों के बहादुरी भरे कार्य इनके निर्णय लेने की क्षमता और साहस को दिखाते हैं।" पुरस्कार विजेताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि इस पुरस्कार से आपके जीवन के उद्देश्य समाप्त नहीं हो जाते, बल्कि यह शुरुआत का प्रतीक होना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि बहादुरी मस्तिष्क की एक अवस्था है। इसमें एक स्वस्थ्य शरीर मदद करता है, लेकिन इसका महत्वपूर्ण बल दिमाग होता है। उन्होंने कहा, "हमें दिमाग को मजबूत बनाने की जरूरत है। जो प्रशंसा और प्रसिद्धि आप पा रहे हैं, वह भविष्य की प्रगति में बाधा नहीं बननी चाहिए।"
मोदी ने बच्चों को दिन (23 जनवरी) के महत्व के बारे में याद दिलाया। 23 जनवरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है। उन्होंने बच्चों से अधिक से अधिक पढ़ने का आग्रह किया। इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी भी मौजूद थीं।
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