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Hindi News भारत राष्ट्रीय राष्ट्रपति कोविंद का राष्ट्र के नाम संदेश, कहा- 'ध्यान भटकाने वाले मुद्दों में न उलझें, बेकार के विवादों में पड़कर लक्ष्य से न हटें'

राष्ट्रपति कोविंद का राष्ट्र के नाम संदेश, कहा- 'ध्यान भटकाने वाले मुद्दों में न उलझें, बेकार के विवादों में पड़कर लक्ष्य से न हटें'

महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर देते हुआ कहा कि एक राष्ट्र और समाज के रूप में हमें तय करना है कि महिलाओं को आगे बढ़ने का पूरा सहयोग मिले।

President Kovind live speech- India TV Hindi Image Source : TWITTER President Kovind live speech

नई दिल्ली: कल पूरा देश 72 वें स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारियों में जुटा है। देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र के नाम संबोधन में जहां देश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी वहीं उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर देते हुआ कहा कि  एक राष्ट्र और समाज के रूप में हमें तय करना है कि महिलाओं को आगे बढ़ने का पूरा सहयोग मिले। उन्होंने कहा कि  महिलाओं की हमारे समाज में एक विशेष भूमिका है। कई मायनों में महिलाओं की आज़ादी को व्यापक बनाने में ही देश की आज़ादी की सार्थकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में समाज के सभी तबकों को साथ लेकर आगे बढ़ना है तभी सच्चे मायनों में राष्ट्र की प्रगति हो पाएगी। आइए जानते हैं राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में क्या कहा।

राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संदेश

  • आज हम अपने इतिहास के एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जो अपने आप में बहुत अलग है। आज हम कई ऐसे लक्ष्यों के काफी क़रीब हैं, जिनके लिए हम वर्षों से प्रयास करते आ  रहे हैं : राष्ट्रपति कोविन्द
  • आज हम एक निर्णायक दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में हमें इस बात पर जोर देना है कि हम ध्यान भटकाने वाले मुद्दों में न उलझें और ना ही निरर्थक विवादों में पड़कर अपने लक्ष्यों से हटें : राष्ट्रपति कोविन्द
  • आज जो निर्णय हम ले रहे हैं, जो बुनियाद हम डाल रहे हैं, जो परियोजनाएं हम शुरू कर रहे हैं, जो सामाजिक और आर्थिक पहल हम कर रहे हैं – उन्हीं से यह तय होगा कि हमारा देश कहाँ तक पहुंचा है। हमारे देश में बदलाव और विकास तेजी से हो रहा है और इस की सराहना भी हो रही है : राष्ट्रपति कोविन्द
  • यह भारत देश ‘हम सब भारत के लोगों’ का है, न कि केवल सरकार का : राष्ट्रपति कोविन्द
  • शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त कर लेना ही नहीं है, बल्कि सभी के जीवन को बेहतर बनाने की भावना को जगाना भी है। ऐसी भावना से ही संवेदनशीलता और बंधुता को बढ़ावा मिलता है: राष्ट्रपति कोविन्द
  • अपने देश के युवाओं में आदर्शवाद और उत्साह देखकर मुझे बहुत संतोष का अनुभव होता है। उनमें अपने लिए, अपने परिवार के लिए, समाज के लिए और अपने देश के लिए कुछ-न-कुछ हासिल करने की भावना दिखाई देती है: राष्ट्रपति कोविन्द
  • इस स्वाधीनता दिवस के अवसर पर हम सब भारतवासी अपने दिन-प्रतिदिन के आचरण में गांधीजी द्वारा सुझाए गए रास्तों पर चलने का संकल्प लें। हमारी स्वाधीनता का उत्सव मनाने का इससे बेहतर कोई और तरीका नहीं हो सकता : राष्ट्रपति कोविन्द
  • गांधीजी का महानतम संदेश यही था कि हिंसा की अपेक्षा, अहिंसा की शक्ति कहीं अधिक है। प्रहार करने की अपेक्षा, संयम बरतना, कहीं अधिक सराहनीय है तथा हमारे समाज में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। गांधीजी ने अहिंसा का यह अमोघ अस्त्र हमें प्रदान किया है  : राष्ट्रपति कोविन्द
  • हमारे सामने, सामाजिक और आर्थिक पिरामिड में सबसे नीचे रह गए देशवासियों के जीवन-स्तर को तेजी से सुधारने का अच्छा अवसर है। ग्राम स्वराज अभियान का कार्य केवल सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। यह अभियान सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से चल रहा है: राष्ट्रपति कोविन्द
  • एक राष्ट्र और समाज के रूप में हमें यह सुनिश्‍चित करना है कि महिलाओं को जीवन में आगे बढ़ने के सभी अधिकार और क्षमताएं सुलभ हों : राष्ट्रपति कोविन्द
  • महिलाएं अपनी क्षमता का उपयोग चाहे घर की प्रगति में करें, या फिर हमारे work force या उच्च शिक्षा-संस्थानों में महत्वपूर्ण योगदान देकर करें, उन्हें अपने विकल्प चुनने की पूरी आज़ादी होनी चाहिए : राष्ट्रपति कोविन्द
  • साथ ही साथ प्राकृतिक आपदाओं के समय वे हम सबको सहारा देते हैं। जब हम उनके काम-काज और व्यक्तिगत जीवन में सुधार लाते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं  : राष्ट्रपति कोविन्द
  • हमारी पुलिस और अर्धसैनिक बल अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हैं। वे आतंकवाद का मुक़ाबला करते हैं तथा अपराधों की रोकथाम और कानून-व्यवस्था की रक्षा करते हैं : राष्ट्रपति कोविन्द
  • जब हम सैनिकों के लिए बेहतर हथियार उपलब्ध कराते हैं, स्वदेश में ही रक्षा उपकरणों के लिए सप्लाई-चेन विकसित करते हैं, और सैनिकों को कल्याणकारी सुविधाएं प्रदान करते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं : राष्ट्रपति कोविन्द
  • हमारे किसान उन करोड़ों देशवासियों के लिए अन्‍न पैदा करते हैं जिनसे वे कभी आमने-सामने मिले भी नहीं होते। वे देश के लिए खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराके हमारी आज़ादी को शक्ति प्रदान करते हैं। जब हम उनके खेतों की पैदावार और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए आधुनिक टेक्नॉलॉजी और अन्य सुविधाएं उपलब्‍ध कराते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं : राष्ट्रपति कोविन्द
  • आज़ादी हमारे पूर्वजों और स्वाधीनता सेनानियों के वर्षों के त्याग और वीरता का परिणाम थी। स्वाधीनता संग्राम में संघर्ष करने वाले सभी वीर और वीरांगनाएं, असाधारण रूप से साहसी और दूर-द्रष्टा थे। इस संग्राम में देश के सभी क्षेत्रों, वर्गों और समुदायों के लोग शामिल थे।  वे चाहते तो सुविधापूर्ण जीवन जी सकते थे। लेकिन देश के प्रति अपनी अटूट निष्ठा के कारण उन्होंने ऐसा नहीं किया। वे एक ऐसा स्वाधीन और प्रभुता-सम्पन्न भारत बनाना चाहते थे, जहां समाज में बराबरी और भाई-चारा हो। हम उनके योगदान को हमेशा याद करते हैं: : राष्ट्रपति कोविन्द
  • हम भाग्यशाली हैं कि हमें महान देशभक्तों की विरासत मिली है। उन्होंने हमें एक आज़ाद भारत सौंपा है। साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे काम भी सौंपे हैं जिन्हें हम सब मिलकर पूरा करेंगे। देश का विकास करने, तथा ग़रीबी और असमानता से मुक्ति प्राप्त करने के काम हम सबको करने हैं: राष्ट्रपति कोविन्द

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