नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती को एक वैश्विक समारोह का रूप देने और इसके लिए संयुक्त राष्ट्र तथा ऐसे ही बहुपक्षीय मंचों के प्रयोग की वकालत की। राष्ट्रपति कोविंद ने आज कहा कि आतंकवाद और हिंसा के अन्य रूपों का सामना कर विश्व में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का ‘अहिंसा’ का सिद्धांत बहुत प्रासंगिक है।
राष्ट्रपिता की 150 वीं जयंती मनाने के लिए गठित राष्ट्रीय समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए कोविंद ने कहा,‘‘महात्मा गांधी भारत की आत्मा की आवाज थे। महात्मा हमारा अतीत है, वह हमारा वर्तमान है और हमारा भविष्य भी है। उन्होंने कहा कि अहिंसा का सिद्धांत आज की इस दुनिया में बहुत प्रासंगिक है, जो आतंकवाद और अन्य संघर्षों के रूप में हिंसा का सामना कर रही है।
राष्ट्रपति ने कहा, " ऐसे समय में महात्मा गांधी के सिद्धांत और मूल्य हमारे इस ग्रह के बेहतर भविष्य को बनाने में मार्गदर्शन कर सकते हैं।" उन्होंने कहा कि गांधी का जन्म भारत में हुआ लेकिन वह केवल भारत से ही संबंध नहीं रखते थे और उनके नाम की गूंज सभी महाद्वीपों में सुनने को मिलती है। कोविंद ने कहा,‘‘ महात्मा गांधी बड़े पैमाने पर अहिंसक, समावेशी और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरणा थे।’’
कोविंद ने कहा,‘‘महात्मा सभी देशों में हमसभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण बने रहेंगे। विश्व को 21 वीं सदी के निर्माण में उनके विचारों को सम्मिलित करने की जरूरत है जो न्याय एवं समानता , शांति तथा ज्ञान , और गरीबी उन्मूलन के लिए उल्लेखनीय है।’’ राष्ट्रपति ने कहा,‘‘ जब हम स्वच्छ भारत के लिए प्रयास करते हैं तथा एक स्वच्छ और अधिक स्वच्छ भारत की बात करते है तो हम गांधी का स्मरण करते है। जब हम महिलाओं, बच्चों और छोटे तथा वंचित समूहों की नागरिक स्वतंत्रता के अधिकारों के बारे में बात करते हैं, तो हम गांधीजी का स्मरण करते हैं।’’
गांधी जी की 150 वीं जयंती मनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने पर चर्चा के लिए राष्ट्रपति भवन में हुई बैठक में समिति के 124 सदस्यों में से 80 से ज्यादा सदस्य शामिल हुए। दो अक्टूबर, 2018 से शुरू होकर 2020 तक चलने वाले इस जयंती समारोह को लेकर आयोजित बैठक में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय मंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, 21 राज्यों के मुख्यमंत्रियों, चीनी विद्वान कुआनयू सांग और ‘अमेरिकी गांधी’ के रूप में विख्यात बर्नी मेयर ने भी हिस्सा लिया।
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