नयी दिल्ली: सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने एक दिन में पांच लाख तक कोविड मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य देखभाल ढांचे को तैयार किया है। हालांकि, जोर दिया कि इसका मतलब यह नहीं है कि भविष्य में इतनी भारी संख्या में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आएंगे। संक्रमण के मामलों में संभावित वृद्धि के मद्देनजर भारत की तैयारियों का विवरण साझा करते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 मरीजों के लिए देश में 8.36 लाख बिस्तर उपलब्ध हैं और इसके अलावा कोविड-19 देखभाल केंद्रों में करीब 10 लाख (9,69,885) पृथक-वास वाले बिस्तर उपलब्ध हैं।
पॉल ने कहा कि इसके अतिरिक्त 4.86 लाख ऑक्सीजन उपलब्धता वाले बिस्तर और 1.35 लाख आईसीयू बिस्तर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, ''संक्रमण के मामलों की संख्या कम है लेकिन तैयारियां कम नहीं हैं। यह दैनिक मामलों से निपटने के लिए मजबूत और सतत हैं। यह राज्य सरकारों द्वारा किया जा रहा शानदार कार्य है जिसे काफी हद तक केंद्र सरकार की भागीदारी के साथ निजी क्षेत्र का सहयोग प्राप्त है।''
पॉल ने कहा कि अब 1,200 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र काम कर रहे हैं और देश में कोई भी ऐसा जिला नहीं हैं जहां इस तरह का संयंत्र नहीं हो। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी संभावित ऑक्सीजन किल्लत के संकट से बचाव के लिए देशभर में करीब 4,000 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि सरकार संक्रमण के मामलों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीने के दौरान लोगों से सतर्क रहने को कहा तथा आगामी त्योहार एवं शादियों के मौसम के दौरान कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने के प्रति आगाह किया। साथ ही, लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने और त्योहार डिजिटल माध्यमों से मनाने की भी सलाह दी। सरकार ने एक बार फिर कहा है कि कोविड-19 की दूसरी लहर अभी तक खत्म नहीं हुई है।
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