ऑक्सीजन संयंत्रों की सूची तैयार की जाए, बंद इकाइयां फिर चालू की जाएं: गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा
केंद्र ने शुक्रवार को सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले संयंत्रों की सूची तैयार करें और बंद हो चुकी इकाइयों को आपूर्ति बढ़ाने के लिए फिर से चालू करें ताकि कोविड-19 संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण बढ़ी मांग को पूरा किया जा सके।
नयी दिल्ली। केंद्र ने शुक्रवार को सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले संयंत्रों की सूची तैयार करें और बंद हो चुकी इकाइयों को आपूर्ति बढ़ाने के लिए फिर से चालू करें ताकि कोविड-19 संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण बढ़ी मांग को पूरा किया जा सके। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा कि ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों को रोके जाने की घटनाएं अब भी सामने आ रही हैं। उसने राज्यों को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति और आवागमन सुनिश्चित किया जाए।
चिकित्सकीय ऑक्सीजन के आवागमन के लिए अतिरिक्त टैंकर उपलब्ध कराने के मकसद से गृह मंत्रालय भारतीय वायुसेना के विमानों के जरिए सिंगापुर एवं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) समेत विदेशों से उच्च क्षमता वाले टैंकर लाने के लिए समन्वय स्थापित कर रहा है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में कोरोनो वायरस संबंधी हालात की शुक्रवार को समीक्षा की और चिकित्सकीय कार्यों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सुझाव दिए।
बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय विशेषज्ञ समूह उपचाराधीन संक्रमित मरीजों को ध्यान में रखते हुए और चिकित्सीय ऑक्सीजन के पहुंचने का समय कम करने के लिए विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में ऑक्सीजन का आवंटन तर्कसंगत तरीके से कर रहा है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने भी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में कहा कि देश के कई जिलों में ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले संयंत्र हैं और सभी का उत्पादन चिकित्सीय मकसद से नहीं होता।
उन्होंने कहा कि इन केंद्रों का इस्तेमाल स्थानीय अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में किया जा सकता है। भल्ला ने कहा कि कुछ संयंत्र बंद हो चुके हैं, उनकी सूची बनाई जानी चाहिए और उन्हें फिर से चालू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 बीमारी में काम आने वाली प्रमुख दवाई रेमडेसिविर का उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं तथा अगले महीने की शुरुआत तक इसकी आपूर्ति 38.80 लाख यूनिट प्रति माह से बढ़कर 74 लाख यूनिट हो जाएगी। इसके साथ ही मंत्रालय ने राज्यों से इसकी निर्बाध आपूर्ति और परिवहन सुनिश्चित करने को कहा। देश में अभी इस दवाई की कमी महसूस की जा रही है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में यह भी कहा कि 21 अप्रैल से 30 अप्रैल तक राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जीवन रक्षक दवाई का अंतरिम आवंटन और आपूर्ति होगी। भल्ला ने कहा कि कोविड-19 दवाओं की आपूर्ति की दैनिक आधार पर निगरानी और समन्वय के लिए राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण और भारतीय औषधि महानियंत्रक के माध्यम से फार्मास्यूटिकल्स विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत एक निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और आयातित दवा टोक्लिजुमैब की मांग में काफी वृद्धि होने के कारण इसकी आपूर्ति पर दबाव है। देश में मई 2021 की शुरुआत तक रेमडेसिविर इंजेक्शन के सात लाइसेंस प्राप्त निर्माताओं की उत्पादन क्षमता 38.80 लाख यूनिट प्रति माह से बढ़ाकर 74 लाख यूनिट प्रति माह करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। गृह सचिव ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और फार्मास्युटिकल विभाग ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को 21 अप्रैल से 30 अप्रैल तक अंतरिम आवंटन के बारे में सूचित किया है। यह लाइसेंसप्राप्त सभी घरेलू निर्माताओं द्वारा रेमडेसिविर की आपूर्ति के लिए है।
वायुसेना ने ऑक्सीजन के खाली 'कंटेनर' विमानों के जरिये विभिन्न फिलिंग स्टेशन तक पहुंचाए
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने शुक्रवार को चिकित्सीय ऑक्सीजन के खाली टैंकर और कंटेनरों को विमानों के जरिये देश के विभिन्न फिलिंग स्टेशनों पर पहुंचाने का काम शुरू किया ताकि यथाशीघ्र कोविड-19 मरीजों के लिए 'प्राणवायु' का वितरण सुनिश्चित किया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना के विमानों ने कोच्चि, मुंबई, विशाखापत्तनम और बेंगलुरु से डॉक्टरों और नर्सों को दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के लिए पहुंचाया।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा वायुसेना देश के विभिन्न कोविड-19 अस्पतालों में दवांए और उपकरण भी पहुंचा रही है। भारत कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है और कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से कई अस्पताल चिकित्सीय ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी से जूझ रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना ने सी-17, आईएल-76, एन-32 और एवरो मालवाहक विमानों को इस काम के लिए तैनात किया है कि और चिनूक एवं एमआई-17 हेलीकॉप्टर को तैयार अवस्था में रखा गया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वायुसेना ने सी-17 और आईएल-76 भारी मालवाहक विमानों से ऑक्सीजन के खाली कंटेनरों को पूरे देश के फिलिंग स्टेशन तक पहुंचाने का शुरू कर दिया है ताकि ऑक्सीजन के वितरण के काम में तेजी लाई जा सके।
मंत्रालय ने बताया, ‘‘इसके अतिरिक्त सी-17 और आईएल-76 ने बड़ी मात्रा में बायो सेफ्टी कैबिनेट और ऑटोक्लेव मशीन लेह में कोविड-19 अस्पताल स्थापित करने के लिए पहुंचायी है।’’ उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन कंटेनर भरने के बाद उन्हें रेल या सड़क मार्ग से विभिन्न अस्पतालों तक पहुंचाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि ऑक्सीजन से भरे कंटेनर की ढुलाई सैन्य विमानों से नहीं की जाती क्योंकि इस गैस को ज्वलनशील माना जाता है और इससे विमान को खतरा हो सकता है।
मंत्रालय ने बताया कि वायुसेना के मालवाहक विमान और हेलीकॉप्टर कम अवधि के निर्देश पर तैनाती के लिए तैयार अवस्था में हैं। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ वायुसेना देश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन कंटेनर, ऑक्सीजन सिलेंडर, आवश्यक दवाएं, कोविड-19 अस्पताल स्थापित करने के लिए आवश्यक उपकरण पहुंचाने के काम में जुट गई है।’’