भोपाल: देशभर में प्री वेडिंग शूट का कल्चर जोर शोर से रफ्तार पकड़ रहा है तो वहीं मध्यप्रदेश में जैन, सिंधी समाज ने इस पर नाराज होकर अब प्री वेडिंग शूट पर रोक लगाने का फैसला लिया है। ऐसे में जब शादी उत्साह और उमंगों का मौका होता है बदलते वक्त के साथ अब हर समाज के ज्यादातर लाेग शादी से पहले अब नव युगलों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करवा रहे हैं। इसमें शादी से पहले युवक युवती के बीच संस्कारों और संस्कृति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। फिलहाल भोपाल में जैन समाज ओर सिंधी समाज के प्रतिनिधियों ने बैठक के बाद इसे अपने अपने समाज में प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है।
जैन समाज के अध्यक्ष प्रमोद कमल ने इंडिया टीवी से बातचीत में बताया प्री वेडिंग शूट के कल्चर से जैन समाज के संस्कारों में गिरावट आती जा रही है परिवार के युवा इन शादियों में जहां लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं वहीं शादी टूटने का असर परिवार की लड़कियों पर पड़ता है।यदि इसके बाद रिश्तेदारी खत्म हो जाए तो दोनों परिवारों के लिए यह अप्रिय स्थिति बन सकती है। इसी के चलते जैन समाज के बुजुर्ग लंबे समय से प्री वेडिंग शूट की खिलाफत करते नजर आ रहे थे।
दरअसल प्री वेडिंग शूट में नवविवाहित जोड़े शादी से पहले विभिन्न लोकेशन पर अपना फोटोशूट करवाते हैं ऐसे भी समाज का मानना है कि जहां शूट पर लाखों रुपए खर्च होते हैं वही शादी टूटने पर लड़की की भी बदनामी होती है प्री वेडिंग शूट और पी डेस्टिनेशन वेडिंग अब एक बड़ा व्यवसाय हो गया है जिसके चलते शादी बरात पर लाखों रुपए खर्च करने वाले परिवार अब इन कामों में भी लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं।
इसी के चलते सिंधी समाज भी प्री वेडिंग शूट के खिलाफ आ गया है भोपाल की 28 हिंदी पंचायतों की अपेक्स बॉडी सिंधी सेंट्रल पंचायत के अध्यक्ष भगवान देव इस रानी मानते हैं की प्री वेडिंग शूट के अलावा शादियों में जो कोरियोग्राफर आते हैं डांस के लिए बकायदा महीनों पहले से तैयारियां होती हैं उसे भी बंद किया जाना चाहिए। यही वजह है कि सेंट्रल पंचायत जल्द से जल्द प्री वेडिंग शूट को अपने समाज की शादियों में बंद करने की परंपरा डालने जा रहा है। ऐसे मैं जबकि 21वीं सदी में बालिगों को मनमर्ज़ी से शादी करने का अधिकार है ऐसे में प्री वेडिंग शूट और कोरियोग्राफी जैसे कामों में समाज द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने से सवाल खड़े होना लाजमी है।
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