पटना: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने शनिवार को यहां पार्टी अध्यक्ष तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बंद कमरे में हुई बैठक के बाद कहा कि वह नये नागरिकता कानून को लेकर अपने रुख पर कायम हैं। गौरतलब है कि किशोर ने नागरिकता कानून का उनकी पार्टी द्वारा समर्थन किए जाने की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। किशोर ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून “बड़ी चिंता की बात नहीं है” लेकिन यह प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के साथ मिलकर समस्या बन सकता है। कानून में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है जबकि एनआरसी में भारत के सभी वास्तविक नागरिकों का नाम होगा।
प्रशांत किशोर ने किया ट्वीट
किशोर ने बुधवार को ट्वीट किया था कि यह कानून एनआरसी के साथ मिलकर व्यवस्थित ढंग से लोगों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव और यहां तक कि उन्हें प्रताड़ित करने के लिये घातक गठजोड़ बन सकता है। उन्होंने शनिवार को नीतीश के साथ लगभग एक घंटे तक विवादित कानून को लेकर चर्चा की। जदयू उपाध्यक्ष किशोर ने बैठक के बाद कहा, “पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते उन्हें (नीतीश कुमार को) तय करना है कि कौन सही है और कौन नहीं। मैंने जो विचार प्रकट किये, उन पर कायम हूं। मुझे नहीं लगता कि पार्टी में मेरा कोई दुश्मन है।”
पीके ने की इस्तीफे की पेशकश
जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष और चुनावों के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के दौरान अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रशांत कुमार ने नीतीश कुमार के सामने इस्तीफ की पेशकश की लेकिन नीतीश ने उनकी पेशकश को ठुकरा दिया। बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने तीन बार इस्तीफे की बात कही है। आपको बता दें कि संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिल का जेडीयू द्वारा समर्थन करने का प्रशांत किशोर ने विरोध किया था, ट्विटर के जरिेये उन्होंने अपनी बात रखी थी।
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