चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री तथा अकाली दल सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल ने किसान आंदोलन के समर्थन में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार वापस लौटा दिया है और इसको लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है। प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति को जो चिट्ठी लिखी है उसमें कहा है कि सरकार जिस तरह से किसान आंदोलन को लेकर व्यव्हार कर रही है उसे देखते हुए उन्होंने यह कदम उठाया है। उन्होंने राष्ट्रपति को 3 पन्ने की चिट्ठी लिखी है।
नए किसान कानून के विरोध में प्रकाश सिंह बादल की बहू हरसिमरत कौर बादल पहले ही केंद्रीय मंत्रीमंडल छोड़ चुकी हैं और उनके पुत्र सुखबीर बादल जो शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष हैं, ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर होने का ऐलान कर दिया है। हालांकि केंद्र सरकार जब यह कानून बना रही थी तब शिरोमणी अकाली दल की तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ था, लेकिन जब कानून संसद में पास हो गया तो उन्होंने विरोध करना शुरू किया।
प्रकाश सिंह बादल को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति भवन में आयोजित सम्मान समारोह में उन्हें यह सम्मान दिया गया था। बादल ने इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद कहा था कि यह सम्मान पंजाबियों के बलिदान और परिश्रण को समर्पित है। प्रदेशवासियों की बदौलत ही पंजाब देश के अन्न भंडार को भरने और अतंर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करने में सफल हुआ है।
केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पहले भी अवार्ड वापसी अभियान चलाया गया था लेकिन उस समय प्रकाश सिंह बादल और उनकी पार्टी शिरोमणी अकाली दल सरकार का हिस्सा होते थे। प्रकाश सिंह बादल देश के एक बड़े नेता हैं और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा रह चुके हैं, ऐसे में देखना होगा कि उनकी तरफ से पद्म विभूषण की वापसी के बाद एक बार फिर से अवार्ड वापसी की मुहिम बढ़ेगी?
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