प्रहलाद लोधी की विधानसभा सदस्यता बहाल, तहसीलदार से मारपीट को लेकर हुई थी कार्रवाई
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सोमवार को गोटेगांव जाकर विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति से मुलाकात कर विधायक प्रह्लाद लोधी के मामले में चर्चा की।
भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सोमवार को गोटेगांव जाकर विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति से मुलाकात कर विधायक प्रह्लाद लोधी के मामले में चर्चा की। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति से चर्चा कर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से अवगत करवाया, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने सहमत होते हुए पवई विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल कर दी है।
इसके बाद प्रह्लाद लोधी को विधानसभा में बैठने, प्रश्नोत्तर करने, ध्यानाकर्षण सूचना और स्थगन सूचना देने का पूर्वानुसार अधिकार दे दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष महोदय द्वारा इस सम्बंध में पूर्व में दिए गए सभी आदेश निरस्त कर दिए गए है। बता दें कि तहसीलदार से पिटाई के एक पुराने मामले में प्रहलाद लोधी को भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। जिस पर जबलपुर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया था। मामले में लोधी को जमानत भी मिल गई थी।
लेकिन, मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति ने विधानसभा से प्रहलाद लोधी की सदस्यता को रद्द करते हुए सदन में एक पद रिक्त होने की सूचना चुनाव आयोग को भेज दी थी। इसके बाद प्रह्लाद लोधी से सारे संवैधानिक अधिकार भी छीन लिए गए थे। इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस में जमकर सियासत भी हुई। 3 दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने भी मध्य प्रदेश सरकार की s.l.p. को खारिज कर दिया था।
इसके बाद से ही उम्मीद जताई जाने लगी थी कि जल्दी विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में निर्णय लेकर प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने बताया कि “नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव आज मुझसे नरसिंहपुर मिलने आए और उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ गया है अध्यक्ष महोदय इसके ऊपर आप निर्णय लें।”
उन्होंने कहा कि “मैं आपको अवगत करा रहा हूं कि पूर्व में न्यायालय के निर्णय के अनुसार उनकी सदस्यता रद्द हुई थी, तो उनका पद रिक्त मेरे द्वारा घोषित किया गया था। लेकिन, हाई कोर्ट से स्टे मिला, सुप्रीम कोर्ट गए, वहां से स्टे को यथावत रखा गया। ऐसी परिस्थितियों में प्रहलाद लोधी की सदस्यता, जो रिक्त की गई थी अब उसे वापस की जा रही है और उन्हें वापस वही अधिकार विधानसभा के अंदर देने का मेरे द्वारा निर्णय लिया जा रहा है ताकि विधिवत अपने कार्य संचालित विधायक के रूप में कर सकें।”