श्रीनगर. आतंकवाद की वजह से कश्मीर छोड़ने को मजबूर हुए कश्मीरी लोगों के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बहुत बड़ा फैसला लिया है। आज लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कश्मीरी माइग्रेंट्स के लिए ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया। इस पोर्टल के जरिए कश्मीरी पंडितों समेत वो प्रवासी, जिन्हें आतंकियों की दहशत की वजह से अपना घरबार और संपत्ति छोड़कर भागना पड़ा, वो अपनी जमीन और दूसरी अचल संपत्ति को लेकर शिकायत कर सकते हैं। इस मौके पर एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि कश्मीर से पलायन के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है।
मनोज सिन्हा ने कहा कि कश्मीर छोड़ने को मजबूर हुए लोगों के लिए पोर्टल लॉन्च किया गया है। पोर्टल के जरिए जमीन और अचल संपत्ति की शिकायत की जा सकती है। उन्होंने कहा कि 60 हजार लोगों को कश्मीर छोड़ना पड़ा था। कश्मीर छोड़ने वाले 44 हजार परिवारों का रजिस्ट्रेशन है। उन्होंने कहा कि 40,142 हिंदू परिवारों को कश्मीर छोड़ना पड़ा। इसके साथ ही, 2,684 मुस्लिम और 1,730 सिख परिवारों ने भी कश्मीर छोड़ा।
जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि 'पोर्टल का औपचारिक शुभारंभ हो आज (मंगलवार) गया है। हालांकि, इसे दो सप्ताह पहले एक वेब लिंक के जरिए शुरू कर दिया गया था। हमें अब तक 745 शिकायतें मिली हैं।' गौरतलब है कि इस ऑनलाइन पोर्टल के जरिए कश्मीरी विस्थापित अचल व सामुदायिक संपत्ति से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकेंगे। शिकायतकर्ता के आवेदन करने के बाद यूनिक आईडी जेनरेट होता है, जिसके बाद शिकायत संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के पास जाती है।
1989 और 1990 के दौरान जब कश्मीर में पाकिस्तान के समर्थन से आतंकवाद बढ़ गया था तो हजारों कश्मीरी हिंदुओं तथा सिख परिवारों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था। एक अनुमान के अनुसार, लगभग 60 हजार परिवारों ने कश्मीर से पलायन किया था और उनमें से लगभग 44000 परिवार जम्मू-कश्मीर राहत संस्था के साथ पंजीकृत हैं। बाकी बचे परिवार पड़ोस के राज्यों में जाकर बस गए थे। मजबूरी की वजह से पलायन करने के बाद अधिकतर की संपत्ति कश्मीर में ही रह गई थी।
कुछ परिवारों को जबरन अपनी संपत्ति बेचने के लिए मजबूर किया गया था तो कुछ परिवारों की संपत्ति पर अनाधिकृत कब्जे होने शुरू हो गए थे। कश्मीरी पंडितों की तरफ से रह-रहकर अपनी संपत्ति को बचाने के लिए कई बार अलग-अलग सरकारों के सामने आवाज उठाई गई थी और इसी दिशा में अब सरकार ने बड़ी पहल करते हुए कश्मीर से विस्थापित हुए परिवारों की संपत्ती को बचाने के लिए पोर्टल लॉन्च किया है।
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