नई दिल्ली. दिल्ली NCR में प्रदूषण के मसले पर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र व विभिन्न राज्य सरकारों को फटकार लगाई। सुनवाई के दौरान CJI ने नौकरशाही पर सख्त टिप्पणी की। चीफ जस्टिस ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी फैसला नहीं लेना चाहती, वो सिर्फ ये चाहती है कि गाड़ियों पर रोक कैसे लगे? CJI ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी में सुस्ती आ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सुझाव दिया कि सरकारी कॉलोनियों में रहने वाले केंद्र सरकार के अधिकारी सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करें। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली व एनसीआर राज्यों को मंगलवार को हुई बैठक में लिए गए फैसलों का पालन करने का निर्देश दिया। अब इस मसले पर अगले बुधवार को सुनवाई होगी।
केंद्र सरकार ने दिए कई सुझाव
केंद्र ने दिल्ली NCR में वायु प्रदूषण कम करने के लिए आवश्यक सामानों को लाने वाले वाहनों के अलावा सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने, स्कूलों को बंद करने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के कार्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति समेत कई उपायों का सुप्रीम कोर्ट में सुझाव दिया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों की एक बैठक मंगलवार को हुई। पीठ में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल रहे।
रविवार तक हवा में सुधार की संभावना नहीं
मेहता ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार के अधिकारियों के लिए घर से काम करने के मुद्दे पर विचार किया गया लेकिन केंद्र सरकार के अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुल वाहन ज्यादा नहीं हैं इसलिए घर से काम करने के बजाय हमने पूलिंग और वाहनों को साझा करने के लिए परामर्श जारी किया है। केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के कार्यालयों में 50 प्रतिशत उपस्थिति का भी सुझाव दिया। प्राधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बुधवार सुबह वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गयी और रविवार तक इसमें सुधार की संभावना नहीं है।
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