केजरीवाल ने भी बंगले को लेकर किया था विवाद-
साल 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल ने जब लोकपाल के मुद्दे पर इस्तीफा दे विधानसभा को भंग कर दिया था। उन्हें नियम के अनुसार 15 दिनों के भीतर सरकारी बंगला खाली देना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके पीछे दिल्ली सचिवालय का यह कहना था कि केजरीवाल को पीडब्ल्यूडी की तरफ से किसी भी तरह का नोटिस नहीं भेजा गया था।
क्या है सरकारी बंगले में रहने का नियम-
नियम कहता है कि कोई भी पूर्व मंत्री अपने आधिकारिक निवास पर सिर्फ 15 दिनों के लिए ही फ्री में रह सकता है। वहीं अपने पद से इस्तीफा देने वाले मंत्री भी ज्यादा से ज्यादा छह महीने तक सरकारी बंगले में रह सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें बाजार से अधिक कीमत बतौर किराए चुकानी होती है। अगर 49 दिन सरकार चलाने वाले केजरीवाल इस्तीफा देने के बाद भी तिलक लेन स्थित C-II/23 बंगले में रहते हैं तो उन्हे नियम के हिसाब से 2.58 लाख प्रतिमाह किराया देना पड़ता।
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