श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में शुक्रवार को आतंकवादियों ने एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं, एक अन्य घटना में संदिग्ध आतंकियों ने एक बिहारी मजदूर को गोलियों से भून दिया। अधिकारियों ने बताया कि शाम करीब 6 बजकर 5 मिनट पर आंतकवादियों ने बंटो शर्मा नाम के पुलिसकर्मी पर गोली चलाई जिससे वह घायल हो गए। उन्होंने बताया कि शर्मा को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर हमलावरों की तलाश जारी है।
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता एवं सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आतंकियों द्वारा पुलिसकर्मी को गोली मारे जाने की घटना की निंदा की है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘मैं दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में हुए आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं। आज शाम ड्यूटी के दौरान मारे गए रेलवे सुरक्षा बल के कांस्टेबल बंटू शर्मा के परिवार और सहकर्मियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। उनका आत्मा को शांति मिले।’
वहीं, एक अन्य घटना में संदिग्ध आतंकियों ने कुलगाम के निहामा इलाके में एक बिहारी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी। इस बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर सरकारी कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त करने और पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए सतर्कता मंजूरी अनिवार्य करने के संबंध में जम्मू-कश्मीर प्रशासन के नए आदेश को शुक्रवार को मनमाना करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे आदेश लोकतंत्र के लिए अच्छे नहीं है।
तारिगामी ने कहा, 'एक सरकारी कर्मचारी सरकार की नीतियों को लागू करने का जरिया है। यदि उसी कर्मचारी पर शक करके उसे संदिग्ध माना जाता है, तो यह उसके काम पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और इसके परिमाण स्वरूप सरकार का समग्र कामकाज प्रभावित होगा।' उन्होंने कहा कि देशद्रोही गतिविधियों में लिप्त किसी भी कर्मचारी से निपटने के लिए पहले से ही एक प्रक्रिया है और नए आदेश जारी करने से केवल संदेह का माहौल बनता है।
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