कुरान बांटने से मना करने वाली रिचा भारती को मिल रहीं धमकियां, सुरक्षा दी गई
सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट के लिए गिरफ्तार की गई 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा रिचा भारती को धमकियां मिल रही हैं, जिसके बाद उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
रांची: सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट के लिए गिरफ्तार की गई 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा रिचा भारती को धमकियां मिल रही हैं, जिसके बाद उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई है। रिचा को बीते बुधवार को रांची की एक अदालत द्वारा जमानत पर रिहा कर दिया गया था। जब उन्होंने धमकी मिलने के बारे में अदालत को सूचित किया तो उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई है।
रिचा भारती ने गुरुवार को अदालत से सुरक्षा की मांग की थी, जिसके बाद शुक्रवार को उनके घर के बाहर चार सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया। धमकी मिलने के बारे में उन्होंने झारखंड महिला आयोग को भी लिखा है। रिचा भारती ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "मेरे परिवार और मुझे सोशल मीडिया पर धमकियां मिल रही हैं। मेरे और मेरे परिवार के सदस्यों के लिए घर से बाहर निकलना मुश्किल है। मेरे कॉलेज जाने के दौरान मेरे ऊपर हमला किया जा सकता है।"
रिचा के परिवार को कुछ फर्जी सोशल अकाउंट की भी चिंता है, जो पिछले कुछ दिनों में रिचा के नाम पर खोले गए हैं। कुछ रिपोर्टों में हालांकि कहा जा रहा है कि उनके परिवार को काफी वित्तीय सहायता मिल रही है। इस पर रिचा के पिता प्रकाश पटेल ने कहा, "रिचा की गिरफ्तारी चर्चाओं में आने के बाद कई लोगों ने हमारे बैंक खाते के नंबर मांगे। हो सकता है उन लोगों ने पैसे जमा कराए हों। मैंने बैंक खाते की जांच नहीं की है।"
रांची पुलिस अबू आजमी वसीम की भी तलाश कर रही है, जिसने सोशल मीडिया पर रिचा भारती के खिलाफ कुछ अनुचित टिप्पणियां पोस्ट की थीं। हिंदू क्रांति सेना ने बुधवार को वसीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
पिछले हफ्ते अंजुमन कमेटी पिठोरिया ने फेसबुक के जरिए सांप्रदायिक नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए रिचा के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उन्हें इस शर्त पर जमानत देते हुए रिहा किया था कि वह कुरान की पांच प्रतियां विभिन्न संस्थानों पर वितरित करेंगी।
इस पर रिचा भारती ने कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेंगी। हालांकि जांच अधिकारी द्वारा जब इस आदेश को मानने में कठिनाइयों का हवाला दिया गया तो अदालत ने अपना आदेश बदल दिया।