अलीगढ़: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में रविवार को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के बाद देर शाम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी बवाल हो गया। इस दौरान छात्रों और पुलिसकर्मियों को बीच जमकर झड़प हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पथराव और पुलिस लाठीचार्ज में कम से कम 60 छात्र घायल हो गए। एएमयू परिसर में तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर इसे 5 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एएमयू में देर शाम सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी छात्र विश्वविद्यालय के बाब-ए-सर सय्यद गेट पर एकत्र हुए और सुरक्षा के लिए लगाया गया गेट तोड़ डाला। झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
जामिया की खबर के बाद भड़की एएमयू में हिंसा
पुलिस उपमहानिरीक्षक परमिंदर सिंह को भी चोट लगने की खबर है। साथी छात्रों के जख्मी होने की खबर मिलने पर सैकड़ों छात्र नेहरू मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर पहुंच गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर निसार अहमद ने बताया कि करीब 60 छात्रों को चोटें आई हैं। साथ ही कुछ को आंसू गैस के कारण आंख में परेशानी हुई है। दिल्ली के जामिया में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प की खबरें मिलने के बाद AMU परिसर में भी तनाव बढ़ने लगा था। विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर अफीफ उल्लाह खान ने बताया कि बाब-ए-सर सैयद गेट पर हुए पथराव में कुछ सुरक्षाकर्मियों को चोटें आई हैं। पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल होने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं।
5 जनवरी तक के लिए बंद की गई यूनिवर्सिटी
इस बीच, AMU के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने बताया कि मौजूदा हालात के मद्देनजर विश्वविद्यालय को आगामी 5 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है और हॉस्टल खाली कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि परिसर में बड़े पैमाने पर पुलिस पहुंची है और हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं। एएमयू के पूर्व कुलपति जमीरउद्दीन शाह ने कहा कि विरोध प्रदर्शन इसलिए शुरू हुए हैं क्योंकि मुसलमानों को डर है कि उनके साथ CAA और NRC के नाम पर भेदभाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह के हिंसा के खिलाफ हैं मगर वह पुलिस की मनमानी कार्रवाई का भी विरोध करते हैं। शाह ने कहा कि प्रदर्शनकारी असल में छात्र हैं और उनके खिलाफ इस तरह का बर्बर पुलिसिया रवैया नहीं अपनाया जाना चाहिए। (भाषा)
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