प्रिया वारियर की मुस्कान से परेशान हुए मौलाना, पुलिस में शिकायत दर्ज
मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को प्रिया पर फिल्माए गीत पर ऐतराज है। उन्हें गाना फिल्माने के तरीके को लेकर आपत्ति है। मुसलमानों की भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया जा रहा है.
नई दिल्ली: जिस लड़की की मुस्कान और बेफिक्री की दुनिया दीवानी हो गई..अब वही मुस्कान..वही आंखें उसे कोर्ट, कचहरी और थाने के चक्कर लगाने पर मजबूर कर सकती है। जी हां कजरारे नैनों वाली लड़की प्रिया प्रकाश वारियर जिसका आंख मारने वाला 26 सेकंड का वीडियो पूरे देश में हिट है, उसके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। हैदराबाद के फलकनुमा इलाके में रहने वाले मुकीत नाम के लड़के ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में पुलिस से अपील की गई है कि वो फौरन इस मामले में एक्शन ले...ताकि लोगों की भावनाएं आहत न हों। हैदराबाद पुलिस ने इसी शिकायत की बिना पर फिल्म प्रोड्यूसर..डायरेक्टर और हीरोइन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक मामला कमाटीपुरा में भी दर्ज कराया गया है।
शिकायत में लिखा है..'मैं 13 फरवरी 2018 की रात 10 बजे यू-ट्यूब पर गाना सर्च कर रहा था..तभी मेरी नजर एक मलयालम गाने पर पड़ी। मैं जानना चाहता था कि उस गाने का मतलब क्या है। जब मैंने गूगल पर सर्च किया तो पता चला कि ये मलयालम फ़िल्म "ओरू अडार लव" का "माणिक्य मलराय पूवी" गाना है। मैंने गूगल ट्रांसलेटर की मदद से गाने के बोल का अनुवाद किया..तो मुझे एहसास हुआ कि ये गाना मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। गाना बहुत वायरल हो रहा है, जिसके चलते गलत संदेश जा सकता है।'
मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को प्रिया पर फिल्माए गीत पर ऐतराज है। उन्हें गाना फिल्माने के तरीके को लेकर आपत्ति है। मुसलमानों की भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया जा रहा है..गाने के दौरान प्रिया के आंख मारने पर भी लोगों ने एतराज जाहिर किया है और फिल्म से इस गाना हटाने की मांग कर रहे हैं। सीधे शब्दों में कहें तो फिल्म के गाने में जब प्रिया आंख मारती है या इशारे से गोली चलाती है तब बैक ग्राउंड में गाने के बोल चलते हैं। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को उसी पर एतराज है। उनका कहना है कि गाने के बोल बेहद पवित्र हैं लेकिन उसके साथ आने वाली तस्वीरों में लड़की आंख मार रही है जो ठीक नहीं है।
फिल्म के निर्देशक उमर लुलु ने आज दावा किया कि फिल्म में कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही गयी है और केरल के एक हिस्से में मुसलमान चार दशक से भी अधिक समय से इस गाने को गाते हैं। ‘‘उत्तर केरल के मालाबार क्षेत्र में शादी और सभी तरह के समाराहों में सी एम ए जब्बर द्वारा लिखा गया यह गाना गाया जाता है। अगर यह तब आपत्तिजनक नहीं था, अब कैसे हो गया?’’ उन्होंने कहा कि इस बाबत सेंसर बोर्ड को अंतिम फैसला लेना है।लुलु ने कहा, ‘‘हमने केवल संगीत में बदलाव किया है, गीत के बोल में नहीं।’’