नई दिल्ली: किसान नेता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शुक्रवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सड़कों को ब्लॉक करने के लिए किसानों को दोष नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बैरिकेड लगाकर सड़क ब्लॉक किए हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि यदि पुलिस बैरिकेडिंग हटा देती है, तो किसान दिल्ली चले जाएंगे। टिकैत ने कहा कि जिस संगठन ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत मांगी थी, उसका संयुक्त किसान मोर्चा से कोई लेना-देना नहीं है।
‘'सभी किसान दिल्ली जा रहे थे’
टिकैत ने कहा, 'सभी किसान दिल्ली जा रहे थे। ऐसे में अब पुलिस बैरिकेडिंग लगा देगी, तो हमारे पास सड़क पर बैठने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता है।' उन्होंने कहा, ‘हमने तो सुप्रीम कोर्ट में अर्जी नहीं डाली है, जिसने याचिका डाली है वो बताए, हम नहीं जानते कि कोर्ट में याचिका डालने वाले कौन हैं। पुलिस ने कर रखे हैं रास्त जाम, बैरिकेडिंग पुलिस ने की हुई है हमने नहीं की है। रास्ता खोल दो, हम दिल्ली चले जाएंगे। सड़क कहीं के लिए है, और रोक किसने रखी है, बैरिकेडिंग तोड़ दिए तो कहेंगे कि बैरिकेड तोड़ दिए, क्या बैरिकेड तोड़कर चले जाएं, बैरिकेड हटा दो, हमें दिल्ली जाना है, हम चले जाएंगे।’
‘आपने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है’
टिकैत ने कहा, ‘सरकार हमसे बात करना ही नहीं चाहती, हम तो चाहते हैं कि सरकार हमसे बात करे। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि समाधान करो, अब सरकार करे समाधान। हमने सरकार को चिट्ठी लिख रही है कि बातचीत करो हमसे, बातचीत करे सरकार उसके बाद पता चलेगा।’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था, 'आपने पूरे शहर का गला घोंट दिया है, अब आप अंदर आना चाहते हो?' न्यायमूर्ति एएम खानविलकर ने कहा कि सत्याग्रह करने की क्या बात है? आपने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट पर भरोसा रखें। एक बार जब आपने अदालत का दरवाजा खटखटाया, तो विरोध का क्या मतलब है?
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