नई दिल्ली। नागरिकता कानून में किए गए हालिया बदलावों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने रविवार को कहा कि इनपर 15 दिसंबर की पुलिस कार्रवाई ‘राष्ट्र पर एक धब्बा है’। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को भेदभावपूर्ण करार देते हुए थरूर ने कहा कि यह महात्मा गांधी द्वारा दिए गए एकता के आदर्शों के खिलाफ है।
उन्होंने लोगों से कहा, ‘‘15 दिसंबर को जो कुछ हुआ वह राष्ट्र पर एक धब्बा है। बगैर किसी उकसावे के, कुलपति को सूचित किए बगैर वे (पुलिस) छात्रावासों में घुसे और छात्राओं पर हमला किया। पुस्तकालय में पढ़ रहे छात्रों पर हमला किया गया, जो कि शर्मनाक है और कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है।’’
CAA को आड़े हाथ लेते हुए तिरूवनंतपुरम से सांसद ने कहा कि केंद्र का कदम भेदभावपूर्ण है और एक समुदाय को हाशिये पर धकेलने की कोशिश है। उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि हमने संसद में इस विधेयक को पेश किए जाने का विरोध किया क्योंकि इसने नागरिकता कानून में पहली बार धर्म को शामिल किया है।’’
थरूर ने कहा, ‘‘भाजपा नीत सरकार द्वारा सीएए में धर्म को शामिल किए जाने तक इसका (धर्म का) नागरिकता कानून में कहीं कोई जिक्र नहीं था। यह कुछ ऐसी चीज है जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीएए महात्मा गांधी के आदर्शों से विश्वासघात है, जिन्होंने राष्ट्र की एकता के लिए, हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। भारत, जिसे महात्मा गांधी देखना चाहते थे, सीएए में धर्म को शामिल किए जाने पर वह भारत नहीं होगा।’’
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