नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले पर पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे प्रबंधन और ऑडिटर्स की नाकामी का परिणाम बताते हुए कहा है कि जो लोग भी इस धोखाधड़ी में शामिल हैं सरकार उन्हें छोड़नेवाली नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली एसोशिएशन्स ऑफ डेवलपिंग फाइनैसिंग इंस्टिट्यूशन इन एशिया एंड पैसिफिक (ADFIAP) के वार्षिक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
जब प्रबंधन को अधिकार दिए गए हैं तब आप यह उम्मीद करते हैं कि वे प्रभावी और सही तरीके से अपने काम को अंजाम देंगे। बैंकों का प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी पर खरा नहीं उतरा है, क्योंकि वे यह पता करने में विफल रहे हैं कि उनके बीच में वे कौन हैं जो गड़बड़ी करने वाले हैं।'
वित्त मंत्री ने कहा, 'ऑडिट करने वालों को अपने आप से पूछना चाहिए कि वे अनियमिताओं को क्यों नहीं पकड़ पाते। निगरानी एजेंसियों को यह पता लगाने की जरूरत है कि अनियमिताओं को पकड़ने के लिए किस तरह की नयी प्रणालियों को अपनाया जाना चाहिए। निगरानी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छुटपुट मामलों को शुरु में ही पकड़ लिया जाए और उनकी पुनरावृत्ति ना हो।
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