PM मोदी आज अयोध्या में इस अनूठे तरीके से लगाएंगे पारिजात का पौधा, ट्विटर पर मिला आइडिया
पीएम मोदी ने नमो एप पर लिखा है कि घर में बच्ची के जन्म पर एक पौधा लगाने का आइडिया उन्हें सबसे ज्यादा पसंद आया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के साथ ही वहां एक पारिजात का पौधा भी लगाएंगे। इस पौधे को लगाने में एक नई विधि का उपयोग किया जाएगा। यह आइडिया पीएम मोदी को उनके ट्वीटर एकाउंट पर गुजरात के एक शिक्षक ने शेयर किया था। पीएम मोदी ने इसे अपने नमोएप पर शेयर किया है।
पीएम मोदी ने नमो एप पर लिखा है कि घर में बच्ची के जन्म पर एक पौधा लगाने का आइडिया उन्हें सबसे ज्यादा पसंद आया। उन्होंने यहां जल संरक्षण के लिए कृषि या बागवानी करते वक्त पानी बचाने का एक टिप भी शेयर किया है।
इस विधि में पौधे या छोटे पेड़ की जड़ों के पास एक मिट्टी के मटके को जमीन के अंदर गाड़ा जाता है। इसमें पानी भरकर इसे ढक्कन से ढक दिया जाता है। एक सप्ताह बाद, आपको पौधे को दोबारा पानी देने की आवश्यकता नहीं होगी। यह मटका प्राकृतिक रूप से ड्रिप सिंचाई के साधन की तरह काम करेगा। याद रखिए, मटके में छेद नहीं करना है। यदि आप बेहतर परिणाम चाहते हैं, तो मटके में खारा पानी भरें। इसे आप अपने घर में बर्तन धोने से एकत्रित हुए पानी को एकत्रित कर प्राप्त कर सकते हैं।
गुजरात के कुछ हिस्सों में इस विधि का इस्तेमाल किया जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि यदि हम इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लें तो यह पर्यावरण संरक्षण में एक बड़ा योगदान होगा।
पीएम मोदी ने उस कहानी को भी साझा किया है, जिसमें उन्हें इस विधि के बारे में पता चला। सौराष्ट्र में वेरावल क्षेत्र के एक गांव में इस विधि का उपयोग सबसे पहले किया गया। वहां एक स्कूल के शिक्षक ने पेड़ों को उगाने के लिए यह अनूठा प्रयोग किया। चूंकि यह क्षेत्र पानी की कमी वाला इलाका था, ऐसे में पेड़ों के लिए पानी मिलना बहुत मुश्किल था।
शिक्षक ने छात्रों से उनके घरों में बर्तन धुलने के बाद जमा हुए पानी को एकत्रित कर लाने के लिए कहा। प्रत्येक छात्र खारे पानी को बोतल में भरकर डेली लाने लगे। बच्चों को इस खारे पानी से पौधों को सींचने के लिए कहा गया। कुछ दिनों बाद, वहां एक हरा-भरा बगीचा तैयार हो गया। शिक्षक के एक छोटे से प्रयास ने एक सूखे और बंजर इलाके में हरियाली की चादर उढ़ा दी। इस प्रक्रिया के दौरान उन्होंने छात्रों को प्रकृति को अपना दोस्त बनाने की भी शिक्षा दी। मुझे यह कहानी बहुत पसंद आई, उम्मीद करता हूं आपको भी पसंद आएगी।
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