नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को अफगानिस्तान के मुद्दे पर फोन पर बातचीत हुई है। मिली जानकारी के अनुसार दोनों नेताओं के बीच फोन पर लगभग 45 मिनट तक चर्चा हुई है। सोमवार को अफगानिस्तान के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल के साथ भी फोन पर बात हुई थी। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद वहां पर हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और दुनिया के कई देशों ने तालिबान को मान्यता देने से इंकार कर दिया है।
राष्ट्रपति पुतिन के साथ हुई चर्चा को लेकर पीएम मोदी ने कहा अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को लेकर उन्होंने विस्तार से राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा की है, इसके अलावा द्वीपक्षीय मुद्दों पर भी बातचीत हुई है जिनमें कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस का सहयोग शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच भविष्य में महत्वपूर्ण विषयों पर एक दूसरे की राय लेने पर सहमति बनी है।
अफगानिस्तान से 31 अगस्त तक निकासी पर ध्यान केंद्रित कर रहा अमेरिका
बाइडन प्रशासन ने सोमवार को कहा कि वह अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान को 31 अगस्त तक पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। व्हाइट हाउस, विदेश मंत्रालय और पेंटागन के अधिकारियों के अनुसार, काबुल हवाई अड्डे से लोगों को निकालने के अभियान को विस्तार देने पर अंतिम निर्णय राष्ट्रपति जो बाइडन को लेना है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने व्हाइट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह प्रक्रिया किस प्रकार आगे बढ़ेगी, इस पर अंतिम निर्णय सिवाय राष्ट्रपति के और कोई नहीं ले सकता।”
तालिबान द्वारा तय की गई 31 अगस्त की समयसीमा पर पूछे गए सवाल के जवाब में सुलिवान ने यह कहा। काबुल हवाई अड्डे पर अभी 5,800 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं जो मुख्य रूप से अपने नागरिकों और 20 वर्ष तक अमेरिका की सहायता करने वाले अफगान नागरिकों को निकालने में लगे हैं।
सुलिवान ने कहा, “राष्ट्रपति का मानना है कि हम उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं। दर्जनों उड़ानों में हजारों लोगों को उस देश से निकाला गया है। हमारा मानना है कि आज तथा आने वाले दिनों में हम और प्रगति करेंगे। और जैसा कि मैंने कहा, वह हर दिन हालात पर नजर बनाए हुए हैं और जैसे-जैसे यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, वह फैसले लेंगे।”
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