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Hindi News भारत राष्ट्रीय अयोध्या के मानवीय लोकाचार भविष्य के बुनियादी ढांचों से मिलते जुलते होने चाहिए- PM

अयोध्या के मानवीय लोकाचार भविष्य के बुनियादी ढांचों से मिलते जुलते होने चाहिए- PM

प्रजेंटेशन देखने के बाद पीएम मोदी ने अयोध्या के विकास कार्यों को लेकर अधिकारियों को अहम निर्देश दिए। पीएम मोदी ने समीक्षा बैठक में कहा कि हमें ऐसी अयोध्या बनानी है कि हर कोई जीवन में एक बार यहां जरूर आना चाहें।

PM narendra modi review meeting on ayodhya major pointers 'ऐसी अयोध्या बने कि हर कोई जीवन में एक बार- India TV Hindi Image Source : PTI 'ऐसी अयोध्या बने कि हर कोई जीवन में एक बार आना चाहे' - पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अयोध्या विकास परियोजना की समीक्षा की और कहा कि राम की इस नगरी को आध्यात्मिक और वैश्विक पर्यटन केंद्र के साथ ही एक टिकाऊ स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करना है।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई इस समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में अयोध्या के विकास से जुड़ी परियोजना के विभन्न पहलुओं पर उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की ओर से एक प्रस्तुती दी गई।

बयान में कहा गया कि अयोध्या के विकास की कल्पना में एक अध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन केंद्र और टिकाऊ स्मार्ट सिटी विकसित करना है। बैठक में प्रधानमंत्री को अयोध्या के संपर्क को बेहतर करने से संबंधित ढांचागत विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं से अवगत कराया गया। इस दौरान हवाई अड्डे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, सड़कों और राजमार्गों के विकास से संबंधित योजनाओं पर चर्चा की गई।

बयान में कहा गया बैठक के दौरान एक हरित उपनगर बसाने को लेकर भी चर्चा की गई ताकि यहां दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आश्रम, होटल और विभिन्न राज्यों के भवनों की सुविधा उपलब्ध हो। एक आधुनिक पर्यटन सुविधा केंद्र और वैश्विक स्तर का एक संग्रहालय बनाए जाने को लेकर बैठक में चर्चा की गई।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना का शहर है इसलिए वहां की परियोजनाओं में उत्कृष्ट परंपरा और सर्वाश्रेष्ठ विकासात्मक बदलाव का प्रदर्शन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या के मानवीय लोकाचार भविष्य के बुनियादी ढांचों से मिलते जुलते होने चाहिए। उन्होंने अयोध्या की पहचान का जश्न मनाने, नवीन तरीकों से इसकी सांस्कृतिक जीवंतता को बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।

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