नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर में स्टीमर में बैठकर नमामि गंगे प्रोजेक्ट का जायजा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद रहे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नैशनल गंगा काउंसिल की पहली बैठक में हिस्सा लेने के लिए कानपुर के चंद्रशेखर आजाद यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। यहां उन्होनें नमामि गंगे प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
कानपुर पहुंचने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी का स्वागत किया। इस दौरान पार्टी के कुछ और पदाधिकारी भी मौजूद रहे। नमामि गंगे परियोजना को बीजेपी सरकार अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताती है। इस संबंध में आज होने वाली बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कई केंद्रीय मंत्री, केन्द्र सरकार के कई विभागों के सचिवों भी शामिल होंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री गंगा नदी की साफ सफाई से जुड़े आयामों की समीक्षा करेंगे। उनके नौका भ्रमण करने की भी संभावना है।
यह बैठक आज चंद्रशेखर आजाद कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में हो रही है। गंगा नदी से जुड़ी परियोजनाएं मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तराखंड से संबंधित है। बिहार के उपमुख्यमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कानपुर में 14 दिसम्बर को आयोजित ‘नेशनल गंगा कौंसिल’ की पहली बैठक में बिहार से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भाग लेंगे। इस बैठक में नमामि गंगे की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा के साथ इस कार्यक्रम की समाप्त हो रही अवधि को विस्तारित करने पर विचार होगा।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बताया कि पूरे देश में इस कार्यक्रम के तहत 28,628 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई है जिसमें से बिहार में 4,653.81 करोड़ रुपये मुख्य रूप से एसटीपी और उसके नेटवर्क के निर्माण,पर खर्च किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त गंगा किनारे के गांवों में पौधारोपण, औद्योगिक इकाइयों के उत्सर्जन को गंगा में प्रवाहित होने से रोकने तथा घाटों व शवदाह गृहों के निर्माण आदि पर भी खर्च किया जा रहा है।
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