नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक इंटरव्यू, 'मैं चुनाव के लिए सरकार नहीं चलाता, मेरे सारे फैसले देश के लिए होते हैं'
इस बेबाक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने पहली बार उन परिस्थितियों के बारे में बात की जिनमें भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान द्वारा रिहा किया गया था। उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कैसे उन्होंने काबुल से अचानक तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई दी।
लोकसभा चुनावों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक ऐतिहासिक इंटरव्यू इंडिया टीवी पर प्रसारित हुआ। पीएम मोदी ने इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम 'सलाम इंडिया' में इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों के जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबतक जितने भी इंटरव्यू दिए हैं, यह इंटरव्यू उन सभी से अलग और रोचक है। आजादी के बाद पिछले 72 साल में यह पहला मौका है जब भारत के प्रधानमंत्री ने टीवी पर हजारों लोगों के सवालों के जवाब देते हुए सीधा संवाद किया है।
आप गलत हैं तो आपको कोई बचा नहीं सकता
कोई बेल पर है, कोई कोर्ट के चक्कर काट रहा है। किसी पर कानून की तलवार लटक रही है...और ये मेरे कारण नहीं..मेरे पहली वाली सरकारों से है। कोई जेल में पड़े हैं..अब उनको ये लगता है...कि भई बचने का रास्ता मिल नहीं रहा है..ये एक ऐसा आदमी है जिसे खरीदा नहीं जा सकता ..इस आदमी को दबाया नहीं जा सकता..ये तो सीधी लाइन में चलता है...अगर कानून में आप सही होगे तो आपको कोई नुकसान नहीं कर सकता..और आप गलत हैं तो कोई बचा नहीं सकता।
पाकिस्तान ने टैंक, रडार लगा दिये और हम बजरंगबली की जय करके ऊपर से चले गए
उनको (पाकिस्तान) लगा था कि मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था...तो इस बार कुछ ऐसा करेगा..तो इसलिए उन्होंने सब वहां खड़ा कर दिया तामझाम पूरा...इवेन अफगानिस्तान के बॉर्डर से भी लाकर यहां रख दिया...इवेन बलूचिस्तान में जो है उनको भी लाकर यहां रख दिया...सारे टैंक लगा दिए..रडार लगा दिए..सब लगा दिए...अब हम बजरंगबली की जय करके ऊपर से चले गए।
मैं चुनाव के लिए सरकार नहीं चलाता
मैं चुनाव के लिए सरकार नहीं चलाता...ना ही मैं दल के लिए सरकार चलाता हूं..सरकार सिर्फ और सिर्फ मैं देश के लिए चलाता हूं...सरकार में मेरे सारे निर्णय देश के लिए होते हैं...हम कभी ये दावा नहीं करते कि हमसे गलती नहीं होती है...हम भी इंसान हैं..हममें भी कमियां हैं..लेकिन हमारे इरादे नेक हैं...हमारे लिए देश सुप्रीम है।
भारत में अगर चुनाव ना होते और ये तूतू-मैंमैं ना होती और सामान्य दिवसों में ये घटना हुई होती तो विश्व के जो महत्वपूर्ण मिलिट्री ऑपरेशन हुए हैं इसकी उसमें गिनती होती।
सबूत मांगने का हक है, लेकिन सबूत मांगना भी उनकी जिम्मेवारी है
देश के किसी भी नागरिक को सबूत मांगने का हक है...राजनीतिक दलों के नेताओं को भी सबूत मांगने का हक है...लेकिन सबूत मानना भी उनकी जिम्मेवारी है...इनका प्रॉबलम है..मांगते रहो लेकिन मानो कुछ नहीं। पांच..सवा पांच बजे पाकिस्तान ने ट्वीट किया...कि भारत आकर के मारकर चला गया। पाकिस्तान के लिए दोनों तरफ से मौत है..ये भी कहें कि कोई आया था बम गिरा था...तो भी फंस रहे हैं..और वो इतने डर गये थे जी..वो गलतियों पर गलतियां कर रहे थे।
पाकिस्तान में बात करोगे भी तो किससे, पता ही नहीं चलता उस देश को कौन चलाता है
पाकिस्तान में एक समस्या है। ये मेरा अकेले का अनुभन नहीं है..दुनिया के देशों का अनुभव है। मैंने दुनिया के कई देश के महापुरुषों से बात की है। गल्फ कंट्री के, अरब राष्ट्रों के सभी नेताओं से मैंने बात की है...मैंने अमेरिका, चाइना, रसिया उन सब से भी बात की है। एक बात ज्यादातर उभर कर आती है..कि भाई पाकिस्तान में बात करोगे भी तो किससे करोगे। आर्मी से करोगे...ISI से करोगे...कि इलेक्टेड बॉडी से करोगे...बोले पता ही नहीं चलता वो देश कौन चलाता है..तो ये सबसे बड़ी समस्या है...पहले वो अपनी ये समस्या सुलझा लें।
राष्ट्रनीति सर्वोपरि होती है
ये जिनको समझ नहीं है...झूले पर क्यों बैठे...चाय पीने क्यों चले गये...कुछ लोग तो बिरयानी बीच में ले आए हैं...तो ये लोगों को कुछ समझ ही नहीं है जी...या तो उनके दिमाग़ में राजनीति इतनी भर गई है कि राष्ट्र नीति भूल जाते है...राष्ट्र नीति सर्वोपरि होती है...राजनीति तो बाद की बात होती है...लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि अब...मेरे नसीब में ऐसा विपक्ष मिला है तो मैं क्या करूं।
हिन्दुस्तान पाकिस्तान की आवाम का भला चाहता है
हम लाहौर गये एक सदइच्छा से क्योंकि वो मेरे यहां शपथ समारोह में आए थे। मुझे लगता था कि शायद ये जेन्युइन आदमी हैं कुछ कर पायेंगे। पूरे पाकिस्तान में एक मैसेज गया कि भारत सचमुच पाकिस्तान का बुरा नहीं चाहता है। ये सबसे बड़ी सफ़लता थी मेरे एक घन्टे के इस विजिट की...कॉमन मैन...पाकिस्तान के कॉमन मैन के दिल में...जो झूठ फैलाया गया था...उसको ये मैसेज चला गया कि हिन्दुस्तान पाकिस्तान की आवाम का भला चाहता है। हम वापिस आये...लेकिन एक ही हफ़्ते में पठानकोट हो गया।
आज पूरी दुनिया हमारे साथ होती है
आज से पहले दुनिया में हम कहां थे। जब भी पाकिस्तान का मसला आता था तो कश्मीर पर अटक जाता था...और जब भी पाकिस्तान की बात आती थी...तो रूस अकेला देश...हमारे साथ होता था...पूरी दुनिया पाकिस्तान के साथ होती थी। ये पिछले चालीस साल का रिकॉर्ड है। इन दिनों पांच साल में आप देखते होंगे अनेक घटनाओं में कि अकेला चाइना पाकिस्तान के साथ होता है...पूरी दुनिया हमारे साथ होती है...ये बहुत बड़ा बदलाव है।
अन्तरराष्ट्रीय जगत में कश्मीर मुद्दा रहा नहीं
आतंकवाद के सम्बन्ध में हमारी कंसिसटेंस पॉलिसी है...कोई फ़ोरम नहीं ऐसा नहीं है दुनिया का जिसमे भारत की हाज़िरी हो और भारत ने मानवता के पक्ष की वकालत ना की हो...और आतंकवाद ये मानवता का दुश्मन है...आतंकवाद किसी देश का नहीं...दुनिया की मानवता का ख़तरा है...ये लोगों को कन्विंस कराने मैं सफ़ल हुआ हूं...भारत सफ़ल हुआ है...और इसलिए अन्तर्राष्ट्रीय जगत में कश्मीर मुद्दा रहा नहीं है। अन्तर्राष्ट्रीय जगत में आतंकवाद मुद्दा है...और उस मुद्दे पर दुनिया को साथ लेने का लगातार प्रयास और भारत की एक कूटनीतिक विजय है...डिप्लोमेटिक विक्ट्री है और जो इसके जानकार लोग हैं...वो ज़रूर कभी ना कभी कहेंगे कि जितनी ताक़त सर्जिकल स्ट्राइक की है..जितनी ताक़त एयर स्ट्राइक की है...उतनी ही ताक़त...ये यूएन के कल के रिज्यूलेशन की है...इसका इतना लम्बा इम्पैक्ट होने वाला है।
विपक्ष के नेता कह रहे थे अब मोदी आया शिकंजे में
इनका (विपक्ष का) प्रॉब्लम क्या है...पुलवामा हुआ ...और एकदम चालू पर गए... मोदी क्या कर रहा है? मोदी क्या कर रहा है? 40 लोग मारे गए...आपने देखा होगा...सुबह-शाम मोदी क्या कर रहा है...अब किया...तो किया क्यों...इसलिए वे धीरज रखें इन्तज़ार करें...मोदी कुछ कर ना बैठे...उसी प्रकार से...हमारे पायलट...जब दूसरे दिन ये घटना सुबह हुई...28 तारीख़ को...उनका एक एफ़- 16 हवाई जहाज़ तोड़ दिया...उनके पायलट मारे गए...लेकिन पाकिस्तान ने बड़े उत्साह में कह दिया कि हमने भारत का ये कर दिया तो यहां इतनी खुशी हो गई इन लोगों कि अब मोदी बराबर शिकंजे में आया। और वो तो वो...और उसमें पता चला कि भारत का पायलट क़ैद किया गया है...अब वो उनको उनके ज़माने का अनुभव था कि अब 2-4 साल तक तो आने वाला नहीं है...और इसलिए...इसलिए उनको लगा...इसलिए उनको लगा कि...इसलिए उनको लगा कि पायलट वाला मामला ऐसा है कि मोदी का बालाकोट और हज़ार किलो का बम...ये सब मिट्टी में मिल जाएगा और कहते हैं कि शाम को कैण्डल मार्च के कार्यक्रम भी तय हो चुके थे...पूरे देश में सूचनाएं जा चुकी थी....और अब मोदी बच नहीं सकता है...अब शाम को चार बजते-बजते मामला बदल गया...उनकी बाज़ी उलट गई।
राष्ट्रपति शी से संबंध के बारे में
राष्ट्रपति शी का फ़ोन आया...मेरा उसने कोई परिचय नहीं था...पहली मुलाक़ात टेलीफ़ोन पर हुई...तो फ़ोन पर स्वाभाविक है हम कहते हैं उन्होंने मुझे कहा कि आप चाइना आइए...मैंने कहा आप हिन्दुस्तान आइए...तो ये एक कर्टसी होती है...उन्होंने कहा कि मुझे तुम्हारे गांव जाना है...फ़ोन पे कहा पहले ही दिन...मैंने कहा...मेरे गांव जाना है आपको...तो उसको उच्चारण मालूम था...बोले वडनगर जाना है...बोले मालूम है वडनगर मुझे क्यों जाना है...मैंने कहा मुझे मालूम नहीं...बोले ह्वेन त्सांग...जो चीनी फिलॉसपर...आठ सौ हज़ार साल पहले आया था...बोले वो तुम्हारे गांव मे जाकर रहा था...और जब भारत से लौटा... तो मेरे गांव में आकर रहा था...तो बोले हम लोगों का बड़ा नाता है।
राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ 9 घंटे
मैं जब पहली बार राष्ट्रपति ट्रंप से मिला..तो व्हाइट हाउस में हम 9 घंटे रहे थे...शायद रेयर ऐसा होता होगा..वर्ना एक घंटा जाते हैं मीटिंग करते हैं..वो मुझे ले गए अपना पूरा व्हाइट हाउस दिखाने के लिए..व्हाइट हाउस पहले भी जाता था..अन्य राष्ट्रपति के समय भी गया...उन्होंने ने मुझे अब्राहम लिंकन जिस कमरे में रहते थे..वहां स्पेशली ले गए...और मेरे मन ये बड़ा प्रभाव रहा..ना उनके हाथ में कोई कागज था...कुछ नहीं था...उन्होंने उस कमरे में जो टेबल था..कौन सा एग्रीमेंट हुआ था...कौन सा साइन हुआ था..सारा हिस्ट्री डेटवाइज ऐसे ही बोल रहे थे..बिना कागज..I was impressed
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति ने चाय पिलाई थी
मैं अर्जेंटीना गया था वहां के राष्ट्रपति अपने घर ले गए...अब वो रेगुलरली एक चाय पीते हैं..वहां की...वो चाय का बर्तन भी अलग होता है..तो उन्होंने मुझे वहां पिलाई...तो वहां कर्टसी के रूप में भी कहते हैं बहुत अच्छी है...अभी जब वो भारत आए...तो उनकी श्रीमती जी चाय बनाने का पॉट..चाय ..वो सब लेकर आई..और राष्ट्रपति जी ने खुद बनाकर मुझे पिलाया।
मोदी-मोदी सुनता हूं तो सोचता हूं मुझे और जागना पड़ेगा
मेरे खिलाफ भी ऐसी बहुत सी चीजें आती हैं..मैं उसको इन्ज्वॉय करता हूं...जहां तक मोदी-मोदी का सवाल है...2014 में पहली बार ..मुझे याद तो नहीं मैंने किस प्रदेश में पहली बार सुना..पहली बार ये शब्द मेरे कान में गूंजने लगे...और उसको मीडिया ने भी उठा लिया..शायद दुनिया के राजनीतिक इतिहास में ..दो शब्दों का नारा..दो अक्षरों का नारा ..दो शब्द भी नहीं..दो अक्षर नारा बन जाए ..ये पॉलिटिकल पंडितों के लिए अध्ययन का विषय है..लेकिन जनता ने जो प्यार दिया है ..जनता जिस प्यार से इन बातों को बताती है...उसमें किसी के प्रति गुस्सा भी है...किसी के प्रति नफरत भी है..और मोदी के प्रति प्यार से ज्यादा विश्वास और अपेक्षाएं हैं..और इस लिए शुरू में जब मोदी-मोदी सुनते थे..तो इन्ज्वॉय कर लेते थे..लेकिन अब मैं जब मोदी-मोदी सुनता हूं तो सोचता हूं कि मुझे मेरी नींद और कम करनी पड़ेगी..मुझे और जागना पड़ेगा।
मैं भी इंसान हूं, कमियां मुझमें भी है
मैं देश वासियों को उनके इस प्यार के लिए सिर झुकाकर नमन करता हूं..लेकिन उन्हे मैं जरूर कहूंगा...मैं भी आपके जैसा एक सामान्य इंसान हूं...मुझमें भी जैसे एक इंसान में कमियां होती हैं वो कमियां हैं..मुझमें भी हर इंसान में जैसे गुण होते हैं...मुझमें भी गुण हैं..लेकिन मैंने तय किया है कि मैं इस पद पर रहते हुए..और जहां भी रहूंगा..आपके लिए जीऊंगा।
पाकिस्तान से विंग कमांडर अभिनंदन की शीघ्र वापसी कैसे संभव हो पायी? मसूद अजहर के मामले में भारत को सफलता कैसे मिली? नवाज शरीफ प्रधानमंत्री रहते पाकिस्तान की अचानक यात्रा का कार्यक्रम कैसे बना? इस तरह से कई रोचक और कठिन सवालों पर प्रधानमंत्री मोदी ने सहजता से जवाब दिए। इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी से इनके अलावा और भी कई सवाल पूछे।
'पाकिस्तान ने बॉर्डर पर टैंक, रडार लगा रखा था और हम बजरंगबली की जय करके ऊपर से चले गए'
इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के साथ प्रधानमंत्री मोदी का यह पूरा इंटरव्यू शनिवार रात 8 बजे से इंडिया टीवी पर प्रसारित हो रहा है।