नई किताब में पीएम मोदी ने तनाव मुक्त परीक्षाओं पर जोर दिया
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना ध्यान 'तनाव मुक्त परीक्षाओं के महत्व' पर केंद्रित किया और युवा छात्रों से आह्वान किया कि अंकों के बजाय ज्ञान का लक्ष्य रखें।
नई दिल्ली: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना ध्यान 'तनाव मुक्त परीक्षाओं के महत्व' पर केंद्रित किया और युवा छात्रों से आह्वान किया कि अंकों के बजाय ज्ञान का लक्ष्य रखें। एक नई किताब 'एग्जाम वॉरियर' में मोदी ने भारत और दुनिया भर के छात्रों के लिए एक दक्ष मार्गदर्शक मुहैया कराया है। मोदी किताब के सहलेखक हैं। यह किताब तनावमुक्त परीक्षाओं के महत्व और अंकों से ज्यादा ज्ञान प्राप्त करने के लक्ष्य के इर्दगिर्द संवाद और बहस को शुरू करती है। इसका उद्देशय एक उत्प्रेरक बनने का है जिसे चर्चा बढ़ेगी और जो हमारे एग्जाम वॉरियर के लिए काफी फायदेमंद रहेगा। इन मुद्दों पर हम जितना ज्यादा बात करेंगे, हमारे विचारों और अनुभवों को साझा करेंगे और दूसरों से सीखेंगे इससे अधिक उन संभावनाओं को सुनिश्चित किया जा सकेगा कि हमारे बच्चे जिस मजेदार बचपन के हकदार हैं उन्हें वह मिले।
लेखक के नोट में मोदी ने उल्लेख किया, "यह हमारा सामूहिक कर्तव्य है कि हम सुनिश्चित करें कि उनका बचपन परीक्षाओं के भार और मुझे आगे क्या करना चाहिए की निरंतर चिंता के नीच दब न जाए।"प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि किताब का यह विचार उन्हें स्कूल की परीक्षाओं के विषय पर किए गए 'मन की बात' के विभिन्न एपिसोडों से आया। उन्होंने दोहराया कि कई छात्रों ने उन्हें यह कहते हुए लिखा था कि इन एपिसोडों ने उन्हें तैयारी करने में और परीक्षाओं से पहले तनाव कम करने में बेहद मदद की।
किताब में मोदी ने परीक्षाओं के तनाव से लड़ने के लिए युवा छात्रों को 25 मंत्र सुझाए हैं। उन्होंने कहा, "मैंने अन्य पहलुओं के बारे में भी लिखा है, जैसे कि क्यों हमेशा एक शख्स एक जुनून के पीछे भागता है, किसी दूसरे को जानने का प्रयास, युवाओं को खेल जरूर खेलने चाहिए, बड़े पैमाने पर यात्रा करे और समाज की सेवा के लिए कुछ समय देना शामिल है।"
उन्होंने परिजनों और अभिवावकों उन्हें खेलने में अहम भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद दिया और उनसे हमारे एग्जाम वॉरियर को प्रोत्साहन में समर्थन जारी रखने की मांग की।मोदी ने लेखक नोट का समापन किताब में उठाए गए सवालों पर विचारों और सुझावों के स्वागत से किया। 189 पन्नों की किताब में महत्वपूर्ण उदाहरण है, साथ ही इसे अच्छे पेपर पर प्रकाशित किया गया है। किताब का प्रकाशन पेंग्विन इंडिया और ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेश्न ने किया है, जिसकी कीमत मात्र 100 रुपये है।