रियाद। सऊदी अरब के बहु-चर्चित सालाना वित्तीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और कई अन्य देशों के नेता भाग लेंगे। मंगलवार से शुरू हो रहे इस तीसरे सम्मेलन ‘फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम’ का उद्देश्य खाड़ी देश को तेल आधारित अर्थव्यवस्था को विविध रूप देने में मदद के लिये विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना है।
प्रधानमंत्री मोदी दो दिन की यात्रा पर सोमवार की रात रियाद पहुंचेंगे। वह सम्मेलन में ‘भारत के लिये आगे क्या’? विषय पर एक सत्र को संबोधित करेंगे। इस मंच को ‘मरूभूमि में दावोस’ कहा जाता है। मंच को संबोधित करने के अलावा वह सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज और युवराज मोहम्मद बिन सलमान के साथ मंगलवार को द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।
दोनों पक्ष तेल एवं गैस, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा नागर विमानन क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। तीन दिवसीय ‘फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम’ में सरकार, उद्योगपति और वित्त पोषक भाग लेंगे। बैठक में वैश्विक व्यापार और उसकी प्रवृत्ति पर चर्चा के साथ आने वाले दशकों में वैश्विक निवेश परिदृश्य को लेकर अवसर और चुनौतियों पर बातचीत की जाएगी।
बैठक में अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन और राष्ट्रपति डोनाल्उ ट्रंप के सलाहकार तथा दामाद जेरेड कुशनेर भी शामिल होंगे। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान भी लगातार दूसरी बार शामिल होंगे। प्रधानमंत्री ने यात्रा पर रवाना होने से पहले नयी दिल्ली में कहा, ‘‘भारत और सऊदी अरब के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ तथा प्रगाढ़ संबंध रहे हैं। सऊदी अरब भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में सबसे बड़े और भरोसेमंद आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है।’’
उन्होंने कहा कि मैं सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान से भी मिलूंगा और द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न मुद्दों तथा पारस्परिक हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करूंगा। मोदी ने कहा कि सऊदी अरब के साथ रक्षा, सुरक्षा, संस्कृति, शिक्षा और लोगों के बीच संपर्क, द्विपक्षीय सहयोग के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यात्रा के दौरान, रणनीतिक भागीदारी परिषद् की स्थापना के लिये समझौता भारत-सऊदी अरब रणनीतिक भागीदारी को और मजबूत कर नए स्तर पर ले जाएगा।’’
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