नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत साल 2025 तक स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्च को बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP का 2.5 प्रतिशत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत उन पहले देशों में शामिल है जिन्होंने शिशुओं पर पूरा ध्यान देने और शिशुओं के लिए पूर्ण स्वास्थ्य संवर्द्धन एवं रोकथाम कार्यक्रम को लागू किया है।
‘‘नारी शक्ति, युवा शक्ति का कल्याण’’ विषय पर ‘‘पार्टनर फोरम’’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य पर अपना खर्च बढ़ाकर उसे जीडीपी का 2.5 प्रतिशत करने के लिए प्रतिबद्ध है । अभी स्वास्थ्य क्षेत्र पर देश का खर्च जीडीपी का 1.15 प्रतिशत है ।
इस वर्ष पार्टनर फोरम सम्मेलन में मुख्य रूप से स्वास्थ्य और उससे जुड़े क्षेत्रों में उपायों एवं समाधान को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि वृहद टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत पिछले तीन वर्षो में मिशन इंद्र धनुष के तहत देश में 3.28 करोड़ बच्चों और 84 लाख गर्भवती महिलाओं तक पहुंच बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में हमने काफी प्रगति की है, हालांकि अभी भी बहुत कुछ किया जाना शेष है। पीएम ने कहा कि हमारा जोर बड़े बजट से बेहतर परिणाम प्राप्त करने, मानसिकता बदलने से लेकर निगरानी करने पर है और इसके लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मां के स्वास्थ्य से बच्चे का स्वास्थ्य जुड़ा होता है और बच्चे के स्वास्थ्य पर हमारे आने वाले कल का स्वास्थ्य निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि हम यहां मां और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के विषय पर चर्चा के लिए एकत्र हुए हैं और उम्मीद है कि इन चर्चाओं का प्रभाव हमारे कल पर पड़ेगा।
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