नीति आयोग: पीएम मोदी ने रखा ‘न्यू इंडिया 2022’ का एजेंडा, स्वीकारी वृद्धि दर को दो डिजिट में ले जाने की चुनौती
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षमता और संसाधनों की किसी तरह की कमी नहीं है और चालू वित्त वर्ष में राज्यों को केंद्र से 11 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के आखिरी साल की तुलना में छह लाख करोड़ रुपये अधिक है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के सामने अब चुनौती वृद्धि दर को दहाई अंक तक पहुंचाने की है, जिसके लिए कई और महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है। मोदी ने आज यहां राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की संचालन परिषद की चौथी बैठक को संबोधित करते हुए कहा, दुनिया को उम्मीद है कि भारत जल्दी ही 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था होगी। बैठक में 23 राज्यों के मुख्यमंत्री और एक लेफ्टिनेंट गवर्नर (अंडमान निकोबार द्वीप समूह) शामिल हुए। बैठक में ओडिशा, गोवा, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा और दिल्ली के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए। बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री बाढ़ की समस्या से निपटने में व्यस्त होने के कारण नहीं आ पाये।
दिल्ली के मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति के संदर्भ में उन्होंने कहा कि निमंत्रण भेजा गया था लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। केरजरीवाल अपने मंत्रियों के साथ लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यालय में धरना दे रहे हैं। विकास एजेंडा दस्तावेज ‘न्यू इंडिया 2022’ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘बैठक में इसे पेश नहीं किया गया। हम चाहते हैं कि दस्तावेज में जमीनी हकीकत दिखाई दे।’’ उन्होंने कहा कि दस्तावेज को टिप्पणी के लिये भेजा गया है और इसे एक-डेढ़ महीने में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। पीएमओ के बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने बाढ़ प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इससे उत्पन्न स्थिति से निपटने में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे वित्त आयोग को नये सुझाव दें कि किस प्रकार से अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जा सकता है और खर्चों में सुधार किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने यह सुझाव 15वें वित्त आयोग के नियम-शर्तों में संसाधनों के आवंटन 2011 की जनसंख्या को आधार बनाने को लेकर दक्षिणी राज्यों की आपत्तियों के बीच रखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षमता और संसाधनों की किसी तरह की कमी नहीं है और चालू वित्त वर्ष में राज्यों को केंद्र से 11 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के आखिरी साल की तुलना में छह लाख करोड़ रुपये अधिक है। उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और ‘‘अब चुनौती इस वृद्धि दर को दहाई अंक में ले जाने की है।’’ इस बैठक में किसानों की आय दोगुनी करने, पिछड़े जिलों का विकास, आयुष्मान भारत, मिशन इंद्रधनुष, पोषण मिशन और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि 2022 तक न्यू इंडिया के सपने को हासिल करने के लिए ये कदम उठाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की संचालन परिषद ने राजकाज से जुड़े जटिल मुद्दों को ‘टीम इंडिया’ के रूप में ‘‘सहयोगपूर्ण, प्रतिस्पर्धापूण संघवाद की भावना के साथ लिया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का लागू होना टीम इंडिया की इस भावना का एक जीता जागता उदाहरण है। मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत 1.5 लाख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा केंद्र बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा संरक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। मोदी ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना, जनधन योजना और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं से वित्तीय समावेशन बढ़ाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर आर्थिक असंतुलन को दूर करना बहुत जरूरी है। मोदी ने जोर देकर कहा कि विकास का इंतजार कर रहे 115 पिछड़े जिलों में मानव विकास के सभी पहलुओं और मानदंडों को सुधारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज्य अभियान इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए एक नए मॉडल के रूप में उभरा है। इसका विस्तार पिछड़े जिलों के 45,000 गांवों में किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा चिह्नित 115 पिछड़े जिलों की तर्ज पर, राज्य कुल प्रखंड के 20 प्रतिशत को पिछड़े प्रखंड के रूप में चिह्नित कर सकते हैं। वे इसके लिये अपने खुद के मानकों को निर्धारित कर सकते हैं। उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर व्यापक विचार-विमर्श का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इससे संसाधन की बचत होगी। मुख्यमंत्रियों द्वारा उठाए गए पर्यावरण के मुद्दे पर मोदी ने सभी राज्यों से सरकारी भवनों, आधिकारिक आवासों तथा स्ट्रीट लाइट के लिए एलईडी बल्ब के इस्तेमाल पर जोर दिया। पीएमओ के अनुसार मोदी ने मध्य प्रदेश, बिहार, सिक्किम, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की एक समिति बनायी है जो मनरेगा को कृषि से जोड़ने के बारे में नीतिगत सुझाव देगी। कुमार के अनुसार प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र द्वारा बिहार और आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय जो वादे किये गये, उसे अक्षरश: लागू किया जाएगा।
सरकार के प्रमुख स्वच्छ भारत मिशन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में स्वच्छता अभियान पर चर्चा हो रही है। पिछले चार साल के दौरान 7.70 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं। उन्होंने दो अक्तूबर, 2019 यानी महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक 100 प्रतिशत साफ-सफाई को पूरा करने को कहा। अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को भरोसा दिलाया कि बैठक में जो सुझाव सामने आए हैं, निर्णय लेने की प्रक्रिया में उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।