बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती, PM मोदी ने किया नमन
बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद किया और नमन किया।
नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और स्वतन्त्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक तथा मातृभूमि के लिए प्राणों का आहुति देने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की आज जन्म जयंती है। बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद किया और नमन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ट्वीट कर दोनों को नमन किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, "भारत मां के दो वीर सपूत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन।"
वहीं, पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी ट्वीट कर उन्हें नमन किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, "भारत माता के वीर सपूत चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन।"
एक अन्य ट्वीट में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लिखा, "बाल गंगाधर तिलक को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन । भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। 'स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच', बहुत प्रसिद्ध हुआ था।"
उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती के मौके पर उन्हें याद किया है। उप-राष्ट्रपति की ओर से ट्वीट में लिखा गया, "अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद की जन्म जयंती के अवसर पर विलक्षण युवा नायक की स्मृति को सादर नमन करता हूं।" उन्होंने लिखा, "किसी भी आंदोलन की सफलता के लिए आवश्यक है कि वह युवा आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को प्रतिबिंबित करे। चंद्रशेखर आज़ाद जैसे राष्ट्रवादी नायकों ने आज़ादी के आंदोलन को युवाओं की आकांक्षाओं से जोड़ा और युवाओं के लिए आदर्श स्थापित किया।युवा क्रांतिकारी को मेरी श्रद्धांजलि।"
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, "राष्ट्र के समक्ष ऐसे उदात्त आदर्शों के प्रणेता लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जन्म जयंती पर आदर्श पुरुष के यश और उनकी पुण्य स्मृति को सादर प्रणाम करता हूं।" उन्होंने लिखा, ""धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं हैं। सन्यास लेना जीवन का परित्याग करना नहीं है। असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बजाय, देश को अपना परिवार मान कर मिलजुल कर काम करना है। इसके बाद का कदम मानवता की सेवा करना है और अगला कदम ईश्वर की सेवा करना है।- बाल गंगाधर तिलक"