नयी दिल्ली: वुहान में अनौपचारिक शिखर बैठक के दौरान भारत और चीन के बीच हुई दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस वर्ष तीन बार और मुलाकात कर सकते हैं। भारत में चीन के राजदूत लुओ झाउहुई ने आज यह जानकारी दी। राजदूत ने कहा कि शी और मोदी के वुहान में अपनी उपयोगी और व्यापक बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए इस वर्ष और मुलाकात करने की उम्मीद हैं। उन्होंने कहा कि दोनों नेता चीन में जून में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की बैठक, दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन और अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन में मुलाकात कर सकते हैं।
लुओ ने यहां वुहान शिखर बैठक : चीन - भारत संबंध और उसके आगे के रास्ते ' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले हफ्ते हुई दो दिवसीय शिखर बैठक के दौरान मोदी और शी के बीच वैश्विक और द्विपक्षीय महत्व के व्यापक , दीर्घकालिक और रणनीतिक मुद्दों पर आम सहमति बनी। उन्होंने शिखर बैठक को चीनी कूटनीति में " अत्यधिक विशिष्ट कार्यक्रम " बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति शी ने कभी चीन की राजधानी बीजिंग के बाहर किसी विदेशी नेता की दो बार मेजबानी नहीं की है। जिनपिंग ने इससे पहले 2015 में भी चीन के शिआन शहर में मोदी की मेजबानी की थी। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत अधिक महत्व देता है।
चीनी राजदूत ने कहा कि अनौपचारिक शिखर बैठक का विचार सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति शी के साथ 2017 में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर रखा था। बाद में दोनों पक्षों ने इसे मुमकिन बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष डोकलाम विवाद के बाद भारत और चीन के संबंधों में कटुता आ गई थी। वुहान में आयोजित शिखर बैठक को संबंधों में सुधार और आपसी विश्वास के पुनर्निर्माण के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
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